पांच हजार करोड़ के खर्च से हिमाचल में 10 लाख घरों में लगाए जाएंगे निशुल्क नल


हिमाचल सरकार ने ग्रामीण इलाकों के 10 लाख घरों में निशुल्क नल लगाकर पीने का पानी पहुंचाने की तैयारी कर ली है। हर घर को नल के पहले चरण में केंद्र सरकार ने बिना नल के छह लाख घर चयनित किए हैं। प्रदेश सरकार ने जल जीवन मिशन में 1200 करोड़ के टेंडर लगाए हैं। इसके बाद बाकी बचे चार लाख घरों में भी नल उपलब्ध कराने के लिए मार्च में दोबारा ऑनलाइन आवेदन होंगे। केंद्र सरकार आवेदन करने के लिए एक माह का समय देगी। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 53 हजार नलके लगाए जा चुके हैं और एक लाख मार्च अंत तक लगाने का लक्ष्य है।  



 शेष घरों को एडीबी या एनडीबी के प्रोजेक्ट से नलके लगाएंगे



जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार के अनुसार हिमाचल में छह लाख घरों में नलके नहीं थे, जबकि प्रदेश में करीब 10 लाख घरों में नलके नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी सरकार ने सिर्फ छह लाख नलके उपलब्ध कराने के लिए 1200 करोड़ के टेंडर लगाए हैं। इस राशि से घरों में नलके पहुंचाने और पेयजल स्रोतों की मरम्मत करने जैसे काम किए जाएंगे। बीस फीसदी राशि नलके उपलब्ध कराने में खर्च होगी और शेष राशि स्रोतों की ठीक करने और लाइनें बदलने में व्यय की जानी है। इस मिशन के  तहत वर्ष 2019 में काम शुरू किया गया है और वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के सभी घरों में नलके उपलब्ध कराने हैं। इस पर कुल करीब पांच हजार करोड़ की राशि खर्च होनी है। 


मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार 90 फीसदी राशि देगी, जबकि दस फीसदी राशि  प्रदेश सरकार को जुटानी है। जल जीवन मिशन के तहत छूटे घरों को एडीबी के 798 करोड़ के प्रोजेक्ट से लाभ देंगे। एडीबी के तहत केंद्र 72 और राज्य सरकार 28 फीसदी राशि देगी। इसके बाद बचे घरों को न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के 700 करोड़ के प्रोजेक्ट से नलके लगाएंगे।  
   
एडीबी के प्रोजेक्ट से कांगड़ा जिला अलग रखा
मंत्री ने कहा कि एडीबी वित्त पोषित प्रोजेक्ट से जिला कांगड़ा को अलग कर दिया है। चीन ने मैक्लोडगंज को लाभ पहुंचाने पर आपत्ति जताई थी। इस कारण से पूरे कांगड़ा जिसे को प्रोजेक्ट से अलग कर दिया है। कांगड़ा जिले को जल जीवन मिशन और एनडीबी के प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा है।