बजट 2020 में केंद्र सरकार ने एलान किया है कि वो भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आईपीओ के माध्यम से सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा। सरकार एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 1.05 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में वित्त वर्ष 2020 के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है। जीवन बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एलआईसी बाजार में सूचीबद्ध नहीं है। एलआईसी सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने के अलावा शेयर बाजार में हर साल भारी मात्रा में निवेश करती है।
क्या है आईपीओ?
जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। मतलब एलआईसी के आईपीओ को सरकार आम लोगों के लिए बाजार में रखेगी। इसके बाद लोग एलआईसी में शेयर के जरिए हिस्सेदारी खरीद सकेंगे।
एलआईसी एक्ट में करना होगा संशोधन
आईपीओ के लिए सरकार को एलआईसी एक्ट में संशोधन करना होगा। एलआईसी की निगरानी फिलहाल इंश्योरेंस रेग्युलेटरी डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) करती है लेकिन इसका नियमन एलआईसी एक्ट 1956 के जरिए होता है।
आईडीबीआई बैंक को संकट से निकाला
इसलिए बुरे वक्त से गुजर रही एलआईसी
सरकार की स्वामित्व वाली बीमा कंपनी एलआईसी भी बुरे दौर से गुजर रही है। एलआईसी पर नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) का बोझ बढ़ गया है। पांच सालों में कंपनी का एनपीए दोगुना हो गया है। एलआईसी के पास मौजूद नकदी के बड़े भंडार पर जोखिम बढ़ रहा है।
सरकार के लिए किया संकटमोचक का काम
दोगुना हुआ एनपीए
एलआईसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 30 सितंबर 2019 तक कुल 30000 करोड़ रुपये का सकल एनपीए है। रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2019 में कंपनी का सकल एनपीए 6.10 प्रतिशत रहा जोकि पिछले पांच सालों में लगभग दोगुना है। यह एनपीए निजी क्षेत्र के यस बैंक, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक के करीब ही है।
एलआईसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 30 सितंबर 2019 तक कुल 30000 करोड़ रुपये का सकल एनपीए है। रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2019 में कंपनी का सकल एनपीए 6.10 प्रतिशत रहा जोकि पिछले पांच सालों में लगभग दोगुना है। यह एनपीए निजी क्षेत्र के यस बैंक, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक के करीब ही है।
इन कंपनियों की वजह से बढ़ा एलआईसी का एनपीए
वहीं एलआईसी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज (डीएचएफएल) और अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप सहित कई संकटग्रस्त कंपनियों को भारी-भरकम कर्ज दे रखा है।