हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान में फिर गूंजा जातीय भेदभाव का मामला, नारेबाजी के बाद विपक्ष ने किया वाकआउट


हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान सोमवार को सदन में मंडी में देवता के नाम पर जातीय भेदभाव का मामला गूंजा। रामपुर के विधायक नंद लाल ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के दौरान हाथ में अमर उजाला लेकर अखबार में प्रकाशित खबर का शीर्षक पढ़ते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के साथ भेदभाव का मामला उठाया।


उन्होंने आरोप लगाया कि मंडी में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने पूछा क्या भाजपा इस मामले में संवेदनशील है? कार्रवाई कुछ नहीं होती, बस एफआईआर होती है। नंदलाल ने कहा कि सत्ता पक्ष के 13 सदस्य इसे महसूस कर रहे हैं। इस पर विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वाकआउट किया। 

 वहीं, सीएम जयराम ने कहा कि विपक्ष से सदस्यों में खबर बनवाने की प्रतिस्पर्धा चली है और इनको समझाने वाला कोई रह नहीं गया है। विपक्ष में हताशा है। सीएम ने कहा कि जिस तरह से अमर्यादित भाषा में विपक्ष बात कर रहा है, वह प्रदेश की भाषा नहीं है। कुछ मिनट बाद विपक्ष सदन में लौटा तो नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सीएम जयराम को टोका और फिर से हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसका विरोध किया। मुकेश ने सीएम से पूछा कि विपक्ष ने कौन सी अमर्यादित भाषा कही।

सुर्खियों में रहने की बात है तो प्रेस गैलरी को रद्द कर दिया जाए। उन्होंने कहा- कौन सा सदस्य कह रहा है कि मीडिया हमारी खबर छापे, आप तो मीडिया पर भी आक्षेप कर रहे हैं। इस दौरान मुकेश और राकेश पठानिया में भी नोकझोंक हुई। पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से नारेबाजी हुई। करीब 40 मिनट के बाद दोनों में गतिरोध खत्म हुआ। विधानसभा अध्यक्ष के आग्रह पर विपक्ष शांत हुआ और राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई।