हिंदुस्तान पेपर लिमिटेड के पूर्व अधिकारियों पर 64 करोड़ के बांस खरीद घोटाले में केस दर्ज


सीबीआई ने 64 करोड़ रुपये के बांस खरीद घोटाले में हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के पूर्व चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक एमवीएन राव सहित पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन्होंने बांस खरीद के बदले असम के दीमा हसाओ ऑटोनॉमस काउंसिल (डीएचएसी) को बढ़ी हुई कीमत पर भुगतान किया।
 

उल्लेखनीय है कि कागज बनाने के लिए बांस की लुगदी का इस्तेमाल किया जाता है। चाचर पेपर मिल (सीपीएम) द्वारा डीएचएसी से बांस खरीदने में कथित धांधली की गई थी। सीबीआई ने राव के अलावा एचपीसीएल के तत्कालीन निदेशक (ऑपरेशन) एसएन भट्टाचार्य, पूर्व निदेशक (वित्त) अमिताभ बनर्जी और कंपनी सचिव एलआर एकनाथ के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने सीपीएम के पूर्व मुख्य कार्यकारी प्रताप गोस्वामी, कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी टीआर गौड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों आरएस गांधी, हिल ट्रेड एजेंसी के मालिक पर भी शिकंजा कसा है, जिन्हें डीएचएसी द्वारा बांस की आपूर्ति का उप ठेका दिया गया था।

तय कीमत को 14 दिन में बढ़ा दिया गया


डीएचएसी ने एचपीसीएल से 1980 में बांस आपूर्ति के लिए 30 साल का करार किया था। करार के मुताबिक 2006 तक एचपीसीएल बांस के बदले डीएचएसी को तय रॉयल्टी देती रही। 2006 में एक पूरक करार किया गया। इसके तहत डीएचएसी ने हिल ट्रेड एजेंसी को उप ठेका दिया जो बांस काट कर उसे भेज सके। इससे परिवहन लागत बढ़ गई। फरवरी 2011 में दोनों पक्षों ने प्रति मीट्रीक टन 3225 रुपये की दर तय कर दी, जिसे 14 दिन में में बढ़ाकर 5275 रुपये प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया।