कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बुधवार बागियों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे ,पुलिस ने मिलने से रोका तो धरने पर बैठे


मध्य प्रदेश की सियासत का पारा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, लेकिन इससे पहले कर्नाटक के बेंगलुरु में हंगामा हुआ. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बुधवार सुबह पार्टी के 16 बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे, लेकिन उन्हें यहां पुलिस ने रोक लिया. जिसके बाद दिग्विजय सिंह, डीके शिवकुमार समेत अन्य कांग्रेस नेता वहां पर ही धरने पर बैठ गए. बाद में दिग्विजय को हिरासत में भी ले लिया गया.


मंगलवार सुबह जब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुंचे तो कर्नाटक कांग्रेस के नए अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उनका स्वागत किया. जिसके बाद बड़ी संख्या में नेता बेंगलुरु के रमाडा रिजॉर्ट पहुंचे, जहां पर कांग्रेस के बागी विधायक मौजूद हैं. इस रिजॉर्ट मेंल 16 बागी विधायकों के साथ वो MLA भी हैं, जिनका इस्तीफा स्वीकार किया जा चुका है.


रिजॉर्ट के बाहर जब पुलिस ने दिग्विजय सिंह को अंदर जाने से रोका तो वह धरने पर बैठ गए. मुंह पर मास्क पहने दिग्विजय सिंह के साथ सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद रहे, जो कि लगातार भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.


दिग्विजय सिंह ने यहां कहा कि वह राज्यसभा के उम्मीदवार हैं और 26 मार्च को मतदान होना है. मेरे विधायकों को यहां पर बंदी बनाकर रखा हुआ है, वो मुझसे बात करना चाहते हैं लेकिन उनका फोन ही बंद कर दिया गया है. पुलिस मुझे विधायकों से मुलाकात नहीं करने दे रही है, ये विधायकों की सुरक्षा के लिए खतरा है.


गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से भारतीय जनता पार्टी पर 16 विधायकों को बंदी बनाने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन को लिखे अपने खत में विधायकों को डराने धमकाने का भी आरोप लगाया था. कमलनाथ ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि एक बार जब विधायक खुले में आ जाएंगे और कुछ दिन बाहर बिता लेंगे, तो वह स्वयं निर्णय ले सकेंगे.


सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई


आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में भी आज मध्य प्रदेश के बवाल को लेकर सुनवाई होनी है. अदालत में भाजपा, कांग्रेस और बागी विधायकों के द्वारा याचिका दायर की गई है. अदालत की ओर से इस मसले पर राज्य सरकार, स्पीकर को नोटिस भी दिया जा चुका है. बता दें कि सोमवार को विधानसभा में बहुमत परीक्षण ना हो पाने के बाद सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए टाल दी गई थी.