काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले की सुनवाई स्थानीय सिविल कोर्ट में


वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले की सुनवाई स्थानीय सिविल कोर्ट में आगे चल सकेगी कि नहीं इसको लेकर पेच फंस चुका है. इस संबंध में कल शुक्रवार को सुनवाई होनी है.


बीते 26 फरवरी को हाईकोर्ट के आदेश के अपलोड नहीं हो पाने के कारण दोनों ही पक्षों के वकीलों ने केस को आगे वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में चलाने या रोके जाने को लेकर बहस की जिसके बाद कोर्ट ने दोनों ही पक्षों के वकील से शपथ पत्र मांगा और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी स्थानीय सिविल जज सीनियर डिविजन फास्टट्रैक की कोर्ट में प्रस्तुत करने का 2 दिनों का वक्त दिया है और सुनवाई की अगली तारीख 6 मार्च को नियत कर दी.


दोनों पक्षों की अपनी-अपनी दलील


द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वोपरि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई आगे वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में चलेगी या फिर 26 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार रोकी जाएगी.


इस पर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि 3 मार्च को संबंधित कोर्ट में सुनवाई की तारीख नियत थी, जिस पर दोनों ही पक्षों के वकीलों ने अपनी दलील दी.


मंदिर पक्ष के वकील का दावा था कि 26 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से सिर्फ 4 फरवरी के आदेश के ऑपरेशन पर रोक लगाई गई है ना कि इस संबंधित कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगी है.



 


फास्टट्रैक कोर्ट में नहीं हो सुनवाईः मुस्लिम पक्ष


दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष के वकील का दावा था कि इस पूरे मामले की सुनवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 फरवरी को रोक लगा दी है. जिसके चलते अब यह मामला वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक की कोर्ट में सुनवाई के लिए नहीं चलाया जा सकता है.


मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि वह शपथ पत्र के जरिए अपनी बात कोर्ट में रखेंगे और कोर्ट से मांग करेंगे कि हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 17 मार्च को हो, जिसके बाद ही स्थानीय सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक अदालत में कोई आगे की तारीख दी जाए. हालांकि हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी अपलोड ना हो पाने की वजह से ऐसी दिक्कत पैदा हुई है.


वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने लंच के बाद मस्जिद पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी 2 दिनों में प्रस्तुत करने के साथ ही सुनवाई की अगली तारीख 6 मार्च को नियत कर दी है.


मस्जिद पक्ष की प्रार्थना ठुकराई


इससे पहले 4 फरवरी को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने प्रतिवादी मस्जिद पक्ष की प्रार्थना को रिजेक्ट कर दिया था कि संबंधित सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट को इसलिए सुनवाई का अधिकार नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट ने पहले से ही मामले की सुनवाई पर स्टे लगा रखा है.


वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के 4 फरवरी के आदेश के खिलाफ प्रतिवादी मस्जिद पक्ष ने सिविल मिसलेनियस पिटीशन फाइल किया था, जिस पर कोर्ट ने आदेश किया था लेकिन उस आदेश की कॉपी अपलोड ना हो पाने के कारण असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है और दोनों ही पक्षों के वकील अपनी अपनी दलील और दावे पेश किए कि मामले की सुनवाई स्थानीय सिविल कोर्ट में होगी या नहीं.