मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इसके अलावा महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाली प्रियंका चतुर्वेदी को टिकट दिया है। नामांकन दाखिल करने के बाद दिग्विजय ने उन पर दोबारा भरोसा करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा का शुक्रिया अदा किया। मध्यप्रदेश से तीन सीटें खाली हो रही हैं। भाजपा ने यहां से कांग्रेस का दामन छोड़कर पार्टी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दिया है। दिग्विजय सिंह के अलावा कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजीव साटव और वरिष्ठ सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता केटीएस तुलसी को भी राज्यसभा का टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को मध्य प्रदेश से मैदान में उतारा है। इसके अलावा तुलसी और फूलो देवी नेताम को छत्तीसगढ़, शहजादा अनवर को झारखंड, राजीव साटव को महाराष्ट्र्र, वेणुगोपाल और नीरज डांगी को राजस्थान और केनेडी कोर्नेलियस खरियम को मेघालय से उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा कांग्रेस ने गुजरात से शक्तिसिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को टिकट दिया है जबकि हरियाणा से पार्टी ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा को चुना है। इसी तरह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुईं प्रियंका चतुर्वेदी को राज्यसभा की उम्मीदवारी मिली है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में आदित्य ठाकरे के प्रचार की जिम्मेदारी संभाली थी। प्रियंका को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने से औरंगाबाद के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे नाराज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को प्रियंका का काम दिखा और हमारा काम नहीं दिखाई दिया।
कांग्रेस ने काटा मोतीलाल बोरा का नाम, किसी ब्राह्मण चेहरे को टिकट नहीं
कांग्रेस पार्टी ने अपनी राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में उम्रदराज, कद्दावर और अपने वरिष्ठ नेता मोतीलाल बोरा का टिकट काट दिया है। मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह को तो महाराष्ट्र से राजीव सातव को टिकट दिया है। महासचिव केसी वेणुगोपाल, शक्ति सिंह गोहिल, भरत सिंह सोलंकी भी टिकट पाने में सफल रहे, लेकिन उम्मीदवारों में ब्रह्मण चेहरा नदारद है।पार्टी के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी पहले से साइड लाइन चल रहे हैं। राजीव शुक्ला को भी सफलता नहीं मिल पाई। करुणा शुक्ला का भी नाम केवल चर्चाओं तक सीमित रहा। वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश को भी राज्यसभा टिकट नहीं मिल पाया। करुणा शुक्ला को छोड़ दें तो उपरोक्त सभी नेता कभी कांग्रेस पार्टी के मुख्य रणनीतिकारों में गिने जाते थे। पार्टी ने हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा पर भरोसा जताया है। राजस्थान से नीरज दांगी को मैदान में उतारा है। वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी छत्तीसगढ़ से, शहजादा झारखंड से एक उम्मीदवार बनने में सफल रहे।