मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार पर संकट के बादल,चार कांग्रेस विधायक का इस्तीफा
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं। दरअसल, चार दिन से गायब चार विधायकों में से एक कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेजा।
इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट भी दिल्ली के लिए चल चुके हैं। साथ ही भाजपा के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।
डंग ने लिखा- मैं किसी गुट का नहीं, बस पार्टी का कार्यकर्ता
अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि मैं न तो कमलनाथ गुट का हूं, न दिग्विजय सिंह और न सिंधिया गुट का। मैं सिर्फ कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं। इसलिए मुझे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डंग ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं दूसरी बार विधायक बना हूं लेकिन मेरे विधानसभा क्षेत्र की लगातार अनदेखी हो रही है। सरकार में दलाल और भ्रष्टाचारी बैठे हैं।
कई बार भोपाल का चक्कर लगाने के बावजूद कार्यकर्ताओं का छोटा सा भी काम नहीं होता। सरकार बनने के 14 महीने बाद भी मंत्री काम करने को तैयार नहीं हैं। डंग सरकार के किसानों की कर्जमाफी के तरीके से भी नाराज थे। डंग ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी समर्थन किया था।
इन विधायकों से नहीं हो सका संपर्क
डंग के अलावा कांग्रेस के बिसाहूलाल सिंह, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा तीन दिन से लापता हैं। उनसे किसी का संपर्क नहीं हो सका है। इस बीच, कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल के बेटे ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भोपाल में दर्ज कराई है। गौरतलब है कि कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उनके विधायकों को जबरन बंधक बनाया है। इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह ने उम्मीद जताई है कि बाकी चार विधायक भी जल्द लौट आएंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले- डंग का कोई पत्र नहीं मिला
डंग के इस्तीफे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को कहा कि मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बारे में जानकारी मिली है। मुझे अभी तक उनका कोई पत्र नहीं मिला है और ना ही इस मामले पर कोई चर्चा हुई है। जब तक मैं उनसे व्यक्तिगत तौर पर नहीं मिल लेता, तब तक इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति बोले- खबर मिली, इस्तीफा नहीं
प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की खबर मिली है। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से अपना इस्तीफा नहीं दिया है। जब वह अपना इस्तीफा मुझे सौंपेंगे तो मैं इसे नियमानुसार मानूंगा और आवश्यक कार्रवाई करूंगा।
कांग्रेस सरकार की स्थिति दयनीय: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
बता दें कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (डीजी) विवेक जौहरी को अगले आदेश तक अस्थायी आधार पर मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में नियुक्ति दी है।
एक विधायक की गुमशुदगी दर्ज
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के टीटी नगर पुलिस स्टेशन में कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह के बारे में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई है। बता दें कि बिसाहूलाल सिंह पिछले तीन दिन से लापता है।
बसपा-सपा विधायक ने कहा कमलनाथ सरकार के साथ
दोनों ही विधायकों ने दावा किया कि उन्हें गुरुग्राम के होटल में बंधक बनाकर नहीं रखा गया था। शुक्ला ने कहा कि हम इमानदारी से कमलनाथ सरकार के साथ हैं, हमारा समर्थन उन्हें जारी रहेगा। अगर सरकार को कोई खतरा है तो वह कांग्रेस के ही कुछ भितरघातियों से है हमसे नहीं। हमें कोई प्रलोभन नहीं दिया गया है।
शुक्ला की तरह ही कुशवाहा ने भी कहा कि उन्हें भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। अगर कांग्रेस नेताओं के पास कोई सबूत है तो पेश करें। हम बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देशों का पालन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राज्यसभा की सीट बसपा को देनी चाहिए।
लोकतंत्र का चीरहरण कर सत्ता की भूख मिटाना चाहती है भाजपा : सुरजेवाला
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा खरीद-फरोख्त के बजाए सदन में बहुमत से क्यों भाग रही है। मध्यप्रदेश सरकार को जरूरी बहुमत से अधिक विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस के अपने 114 विधायक हैं और एक निर्दलीय प्रदीप जायसवाल का भी समर्थन है। इसके अलावा दो बसपा और एक सपा विधायक ने भी सरकार में आस्था व्यक्त की है।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य के 14 विधायकों को अगवा कर ले गई थी। व्यापम घोटाले, चिटफंड और टेंडर घोटाले में भाजपा नेताओं की संलिप्तता की परतें खुल रही हैं। इसे देखते हुए भाजपा को लगा कि अब कांग्रेस सरकार में न्याय के अनुसार उसके नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा। इसलिए सरकार गिराने की साजिश की जा रही है।