उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सेनिटाइजर की कालाबाजारी पर राज्यपाल ने किया अलर्ट


देश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। टनकपुर के संयुक्त चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसमें जरूरी व्यवस्था की गई हैं। सीएमओ डॉ. आरपी खंडूड़ी ने बताया सुरक्षा के मद्देनजर डीजी हेल्थ के निर्देश के बाद भारत-नेपाल सीमा पर बिना मास्क आवागमन पर रोक लगा दी गई है।
 

बनबसा के एसएसबी चेकपोस्ट पर 26 जनवरी से कोरोना जांच चौकी स्थापित की गई। वहां डॉ. अभिषेक राज एवं डॉ. संजय सामंत मुस्तैदी से लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। करीब 40 दिन में वहां कई लोगों की जांच कर 3206 लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया जा चुका है। 

बनबसा अस्पताल के डॉ. मो. उमर ने बताया कि स्थानीय अस्पताल में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। एसीएमओ डॉ. एचएस ह्यांकी ने बताया कि सभी जांच केंद्रों में स्टाफ बढ़ा दिया गया है। फिलहाल किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। जांच के लिए नैनीताल से आई डॉक्टरों की टीम शनिवार को लौट जाएगी, जिसके बाद विभाग को जिले के अस्पतालों से ही डॉक्टरों की व्यवस्था करनी पड़ेगी।


राज्यपाल ने सरकार को लिखा पत्र



उत्तराखंड में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और सरकार एक्शन में है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मुख्य सचिव को प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम संबंधी सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव और इसकी रोकथाम के लिए यह भी आवश्यक है कि खुले बाजार में सेनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों, एवं इनकी कालाबाजारी न हो।

अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिससे आवश्यकता पड़ने पर लोगों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत छह मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी रोकथाम के संबंध में तैयारी की समीक्षा करेंगे।




हांगकांग से लौटे युवक में नहीं मिले कोरोना के लक्षण 



बागेश्वर में हांगकांग से छुट्टी पर घर आए बागेश्वर के युवक ने जिला अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच कराई। युवक में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं। बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे फिजिशियन डॉ. अब्बास के पास एक मरीज पर्चा लेकर अपना इलाज कराने आया। युवक ने बताया कि वह हांगकांग में नौकरी करता है।

कुछ दिन पहले वह घर आया है। स्वास्थ्य खराब होने पर वह कोरोना वायरस के भय से अस्पताल पहुंचा था। डॉ. अब्बास ने बताया कि जांच में युवक में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए है। फिर भी उसकी पूरी जानकारी सीएमओ कार्यालय को दे दी गई है। युवक से डॉक्टरों की  निगरानी में रहने को कहा गया है। 

मरीजों को सताने लगा कोरोना का डर
युवक ने बताया कि वह छुट्टी पर हांगकांग से लौटा है और तबीयत बिगड़ने पर इलाज को अस्पताल आया है। यह सनते ही तो आसपास खड़े अन्य मरीजों में भय का माहौल बन गया। सबके मन में कोरोना का डर सताने लगा। हालांकि युवक में ऐसा कोई लक्षण नहीं मिलने से अस्पताल स्टाफ ने राहत की सांस ली है। स्वास्थ्य विभाग कोराना वायरस को लेकर सतर्क है। जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।  

हांगकांग से छुट्टी पर घर आए युवक की जांच कर ली गई है। युवक में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए है। युवक को डॉक्टरों की निगरानी में रहने की सलाह दी गई है।