YES बैंक फाउंडर राणा कपूर पर 15 घंटे पूछताछ के बाद गिरफ्तारी ,ED का शिकंजा


साल 2004 में शुरू हुआ यस बैंक संकट के दौर से गुजर रहा है. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक के संस्थापक और इस संकट के सामने आने से पहले बोर्ड एग्जिट कर चुके बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने लगा है. इसी के साथ राणा कपूर को ईडी ने बीती रात गिरफ्तार कर लिया. राणा कपूर से ईडी दफ्तर में 15 घंटे लगातार पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई. पूछताछ में ईडी ने राणा कपूर से यस बैंक के लेन-देन पर कई सवाल पूछे. उनके परिवार की कंपनियों और DHFL के बीच हुए ट्रांजेक्शन पर भी सवाल किए गए.ईडी की एक टीम ने मुंबई में यस बैंक के मुख्यालय को भी खंगाला है. ये टीम यस बैंक से दस्तावेज लेकर देर रात लौटी. सूत्रों के मुताबिक ईडी की टीम ने राणा कपूर की तीन बेटियों से भी पूछताछ की है. राणा कपूर की एक बेटी को DHFL से 600 करोड़ मिले थे. पूर्व सीइओ राणा कपूर पर आरोप है कि उन्होंने निजी रिश्तों को ध्यान में रखकर लोन बांटे हैं. उनके खिलाफ 5000 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगा है.इससे पहले रविवार तड़के ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर सत्यब्रत कुमार अपने कानूनी सलाहकार के साथ ईडी दफ्तर से चले गए. शनिवार को राणा कपूर की बेटी का भी बयान दर्ज किया था. राणा कपूर की बेटी से उस लोन के बारे में पूछताछ की गई जो उसकी एक कंपनी को डीएचएफएल से मिले हैं. राणा कपूर की बेटी इस कंपनी में निदेशक रह चुकी है.कपूर के खिलाफ शुक्रवार को लुक आउट नोटिस जारी किया गया था. देर रात उनके कई ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई को भी अंजाम दिया था. इसके बाद शनिवार को राणा कपूर मुंबई में ईडी दफ्तर पहुंचे. राणा कपूर से ईडी की टीम ने 15 घंटे तक लगातार पूछताछ की. इस बीच ज्वाइंट डायरेक्टर सत्यब्रत कुमार भी लीगल एडवाइजर के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे थे.यस बैंक ने नवंबर 2019 में शेयर बाजार को यह जानकारी दी थी कि राणा बैंक के बोर्ड से पूरी तरह एग्जिट कर चुके हैं, लेकिन यह संकट रातोरात पैदा नहीं हुआ है. राणा अब भले ही यह कह रहे हों कि क्या हो रहा, उन्हें आइडिया नहीं. लेकिन उनके आवास पर हुई छापेमारी में कई सबूत ईडी के हाथ आने की जानकारी सामने आ रही है. ऐसे में जिस तरह जांच चल रही है, राणा की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही हैं.


मूडीज ने घटाई रेटिंग


रिजर्व बैंक की पाबंदी के बाद रेटिंग एजेंसियों ने भी यस बैंक को झटका दिया. मूडीज ने बयान जारी कर आरबीआई की पाबंदी को नकारात्मक बताते हुए बैंक की रेटिंग कम कर दी. वहीं, आईसीआरए ने भी यस बैंक के टियर- II और टियर- I बॉन्ड को लेकर रेटिंग पर कैंची चला दी. गौरतलब है कि आरबीआई ने बैंक के नकदी संकट को देखते हुए 3 अप्रैल तक सिर्फ 50 हजार रुपये निकालने की छूट दी है. हालांकि यह भी साफ किया गया है कि इमरजेंसी में ग्राहक 5 लाख रुपये तक की निकासी कर सकते हैं.


बैड लोन ने डुबोया यस बैंक?


कभी तेजी से ग्रोथ करने वाला यस बैंक इतने गहरे संकट में कैसे फंस गया, इसे लेकर चर्चा के बीच माना यह भी जा रहा है कि बैंक की इस दुर्दशा के पीछे बैड लोन की बड़ी भूमिका है. बैंक ने एलएंडएफएस, जेट एयरवेज, कॉक्स एंड किंग्स, सीजी पावर, दीवान हाउसिंग और कैफे कॉफी डे जैसी कई ऐसी कंपनियों को लोन दिए, जिनका वित्तीय लेनदेन का रिकॉर्ड साफ नहीं था. इन सभी कंपनियों का एनपीए रिकॉर्ड लेवल तक पहुंच गया.गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने यस बैंक में निवेश करने में रुचि दिखाई है. दूसरी तरफ सरकार ने यस बैंक के ग्राहकों को यह भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा डुबने नहीं दिया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वे खुद आरबीआई के संपर्क में हैं. वहीं, बैंक के ग्राहकों में सरकार के आश्वासनों के बावजूद बेचैनी है.