अब विदेशी फंड भी लेगा 'PM केअर्स' ,सरकार ने दी इजाजत


कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत अब विदेशी फंड भी स्वीकार करेगा. सरकार ने पहले इसकी मंजूरी नहीं दी थी. सरकार की तरफ से बुधवार को कहा गया कि हाल में बने प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड (पीएम केअर्स फंड) में विदेशी फंड भी स्वीकार किए जाएंगे ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और तेज किया जा सके.


कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि ट्रस्ट में निजी संस्थाओं से दान लिया जाएगा. हालांकि सरकारी फैसले में यह कहीं जिक्र नहीं है कि विदेशी सरकारी फंड मंजूर किए जाएंगे या नहीं. सूत्र ने कहा, भारत के अंदर और विदेश से लगातार मांग को देखते हुए सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट पीएम केअर्स का गठन किया गया ताकि कोविड-19 के खिलाफ जंग को और मजबूती दी जा सके. मोदी सरकार का यह ताजा फैसला पिछली सरकारों से भिन्न है जिसमें विदेशी चंदा या दान लेने पर रोक थी. बता दें, साल 2004 तक जब दक्षिण भारत में सुनामी ने बड़ी तबाही मचाई थी, भारत ने विदेशी चंदा स्वीकार नहीं किया था, लेकिन इसमें अब तब्दीली देखी जा रही है..


हालत देखते हुए दान पर विचार


सूत्र ने कहा, लोगों की दान की इच्छा को देखते हुए और महामारी के विकराल स्वरूप के मद्देनजर ट्रस्ट में कोई व्यक्ति या संस्था दान दे सकता है. भारत या भारत से बाहर के लोग व संस्था इसमें दान दे सकते हैं. इसके लिए सोमवार को अलग-अलग उच्चायोग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई थी जिसमें यह मुद्दा उठा था और ट्रस्ट के लिए चंदा लेने की जरूरतों पर जोर दिया गया था. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस बयान में कहा गया कि अलग-अलग देशों में भारत के उच्चायोग से पीएम केअर्स ट्रस्ट के बारे में जानकारी फैलाने के लिए कहा गया है ताकि चंदे की राशि स्वीकार की जा सके. बता दें, पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केअर्स फंड की घोषणा की थी. कोविड-19 जैसी महामारी को देखते हुए और ऐसी इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए इस ट्रस्ट का गठन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसके सदस्य हैं.