भारत में कोरोना वायरस के 'हॉटस्पॉट' कैसे बने ये 10 इलाके


भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या और मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहे हैं। देश में कुछ इलाके ऐसे हैं जो कोरोना वायरस के 'हॉटस्पॉट' बन गए हैं, यानी यहां दूसरे इलाकों के मुकाबले कहीं ज्यादा मामले सामने आए हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन हॉटस्पॉट्स की पहचान की है और स्थिति नियंत्रित करने के लिए खास रणनीति भी बनाई है, ताकि यहां से कम्युनिटी ट्रांसमिशन की संभावना को टाला जा सके।

मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में कहा, "सरकार सुनिश्चित कर रही है कि इन हॉटस्पॉट की ठीक तरह से निगरानी की जाए, ताकि वायरस ना फैले। केंद्र सरकार कोविड-19 के उभरते हॉटस्पॉट की लगातार पहचान कर रही है और वहां कड़ी क्लस्टर नियंत्रण रणनीति लागू कर रही है।"

हालांकि लव अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि ये एक संक्रमित बीमारी है, इसलिए कोई संख्या निर्धारित नहीं की जाएगी कि इतने संक्रमित लोग होने पर कोई इलाका 'हॉटस्पॉट' घोषित होगा। "अगर सरकार को लगेगा कि किसी इलाके में संक्रमण के बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना है तो सिर्फ एक मामला सामने आने पर भी उस इलाके को हॉटस्पॉट घोषित किया जाएगा।


अबतक कौन-से इलाके बने हॉटस्पॉट
आप लगातार खबरों में देख-पढ़ रहे होंगे कि दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, गुजरात जैसे राज्यों से कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इन राज्यों में हर जगह कोरोना का प्रकोप है, बल्कि यहां कुछ खास इलाके हैं, जहां एक साथ बहुत सारे लोग संक्रमित हो रहे हैं। ये हॉटस्पॉट हैं -

निजामुद्दीन, दिलशाद गार्डन, नोएडा, मेरठ, भीलवाड़ा,


अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, कासरगोड और पथानामथिट्टानिजामुद्दीन


इस महीने की शुरुआत में हुए एक धार्मिक आयोजन की वजह से दिल्ली का निजामुद्दीन इलाका कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इस आयोजन में करीब 1700 लोग शामिल हुए थे। अब इन लोगों में से 24 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और 700 को क्वॉरन्टीन कर दिया गया है।

दिलशाद गार्डन, दिल्ली
दिल्ली के इस इलाके से लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। अबतक दस से ज्यादा लोग यहां कोरोना संक्रमित मिले हैं। हाल में यहां एक कोरोना संक्रमित महिला के संपर्क में आने से नौ लोग संक्रमित हो गए थे। दिलशाद गार्डन में कई लोगों को अलग-थलग करके भी रखा गया है।


नोएडा, उत्तर प्रदेश
नोएडा यानी गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा संक्रमित इलाका है। यहां अबतक 38 कोरोना संक्रमित लोग पाए गए हैं। प्रशासन के मुताबिक इनमें ज्यादातर वो लोग हैं, जो विदेश से यात्रा करके लौटे हैं।

सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा पहुंचे और अधिकारियों पर नाराजगी जताई, जिसके बाद नोएडा के डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट को बदल दिया गया। इसके अलावा स्टेट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर और ज्वाइंट डाइरेक्टर एपी चतुर्वेदी को खास तौर पर नोएडा में पोस्ट कर दिया गया है, जो स्थिति को मॉनिटर कर रहे हैं। उनके मुताबिक नोएडा में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई गई है और कंट्रोल रूम में मैन पावर बढ़ाने की बात चल रही है।

वहीं, नोएडा में एक ही कंपनी के 16 कर्मचारियों के पॉजिटिव पाए जाने पर कंपनी को सील कर दिया गया है और कहा जा रहा है कि कंपनी ने अधिकारियों ने ट्रैवल हिस्ट्री छिपाई और वापस आकर साथ काम करने वाले लोगों को संक्रमित किया। प्रशासन ने कंपनी पर एफआईआर भी दर्ज कराया है




मेरठ, उत्तर प्रदेश
अकेले मेरठ में कोरोना वायरस से संक्रमित अब तक 19 लोग सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई तबलीगी जमात में भी मेरठ के कुछ लोग शामिल थे। रविवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ही परिवार के पांच सदस्यों के कोरोना संक्रमित पाए जाने का मामला खबरों में छाया रहा। मेरठ के सीएमओ के मुताबिक इस परिवार का एक शख्स तीन घरों में भी गया था, इसलिए इलाके के 50 अन्य लोगों का भी कोरोना टेस्ट किया जा रहा है।

अहमदाबाद, गुजरात
गुजरात में अबतक कोरोना से छह लोगों की मौत हुई है, जिनमें से तीन मौते अकेले अहमदाबाद में हुई है। अहमदाबाद में फिलहाल 23 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं, जिनमें से 14 विदेश से आए थे, दो दूसरे राज्यों से आए थे और सात लोकल संक्रमण की वजह से प्रभावित हुए। इसे देखते हुए प्रशासन मुस्तैद हो गया है। ड्रोन से पेट्रोलिंग हो रही है, सीआरपीएफ की टीम आ चुकी है। जरूरत के सामान लोगों के घरों तक ही पहचाने की कोशिशें हो रही हैं और 1200 बेड का केविड हॉस्पिटल तैयार किया गया है।

 




भीलवाड़ा, राजस्थान
राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिलों में से एक है। राजस्थान में 30 मार्च तक 83 पॉजिटिव मामले सामने आए, जिनमें से 26 अकेले भीलवाड़ा के थे। दो लोगों की मौत भी हुई है, हालांकि डॉक्टर्स ने इनकी मौत का कारण अन्य बीमारियां भी बताया है।

वहां स्थिति को संभालने के लिए सरकार ने अतिरिक्त संसाधन लगा दिए हैं और दूसरे इलाकों से ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। 2000 मेडिकल टीमों से जिले भर के लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई है। 3 से 13 अप्रैल तक जरूरी सामानों की दुकानों समेत सबकुछ पूरी तरह से बंद रखने का आदेश दिया गया है। यहां तक कि मीडियाकर्मियों पर भी बैन है ।

जिला कलेक्टर के मुताबिक जरूरत पड़ने पर सेना भी बुलाई जा सकती है। सरकारी प्रतिबंध को अनदेखा करके बड़ी संख्या में लोग शुक्रवार की नमाज पढ़ने घरों से निकले।




पुणे, महाराष्ट्र
पुणे में कोरोना वायरस से मौत का पहला मामला सामने आया है। दो और मरीजों की हालत गंभीर है, जिन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है। लगातार मामले बढ़ने के साथ ही पुणे में करोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा करीब 43 हो गया है।

मुंबई, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में कोरोना के दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 198 पर पहुंच गई है, जिनमें से करीब 100 मुंबई के मामले हैं। सोमवार को मुंबई में दो लोगों की मौत भी हो गई।
 
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई कोविड-19 के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित हुई है। खबरों के मुताबिक मंगलवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 17 नए मामले सामने आए, जिनमें से आठ मुंबई के हैं और पांच पुणे के बताए जा रहे हैं।

मुंबई में नगर निगम ने कोरोना प्रभावित इलाकों में जीआईएस मैपिंग शुरू कर दी है। एक प्रेस विज्ञप्ति में बीएमसी कमिशनर प्रवीण परदेशी ने बताया कि जिन इलाकों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं, उनका नक्शा सिविक बॉडी की वेबसाइट पर लगाया जाएगा। इन नक्शों की मदद से इलाकों में रहने वाले लोग सावधानियां बरत सकेंगे और किसी काम के लिए उन जगहों पर जाने वाले लोग भी बचने के उपाय करेंगे।

 




कासरगोड, केरल
दो दिन पहले केरल के उत्तर में स्थित जिले, कासरगोड में एक दिन में ही 34 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई। इनमें से ज्यादातर दुबई से लौटे लोग थे और बाकी कोरोना संक्रमित शख्स के संपर्क में आए थे। अकेले कासरगोड में 78 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

केरल के मुख्यमंत्री के मुताबिक कोरोना संक्रमित एक नेता कासरगोड से यात्रा करते हुए त्रिवेंद्रम आया था और वहां जाकर कई विधायकों, बड़े नेताओं समेत बहुत से लोगों से मिला। 

मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बताया कि सबसे ज्यादा मामलों वाले कासरगोड जिले के लिए कन्नुर मेडिकल हॉस्पिटल को कोरोना हॉस्पिटल बना दिया गया है, जिसमें 200 बेड, 40 आईसीयू बेड और 15 वेंटिलेटर हैं। यहां टेस्टिंग बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

 




पथानामथिट्टा, केरल
केरल सरकार की वेबसाइट के मुताबिक पथानामथिट्टा में 28 से ज्यादा लोग पॉजिटिव हैं, जिनका इलाज चल रहा है। यहां करीब साढ़े सात हजार लोगों को निगरानी में रखा गया है। 7,467 लोगों को घर पर ही अलग-थलग करके रखा गया है।

हालांकि पथानामथिट्टा में इलाज करा रहे एक ही परिवार के पांच लोगों को ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और परिवार के दो बुजुर्ग भी ठीक हो गए हैं, जिन्हें जल्द डिस्चार्ज किया जाएगा।




हॉटस्पॉट की पहचान करने से रणनीति में मिलेगी मदद
केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट बन चुके इलाकों की पहचान कर वहां खास कदम उठा रही है। इन इलाकों का और कड़ा सर्विलांस किया जा रहा है और लॉकडाउन का पालन कराने की वहां ज्यादा कड़ी कोशिशें की जा रही हैं और जरूरत पड़ने पर आगे बढ़कर जरूरी सुविधाएं तक बंद की जा रही हैं।

इन हॉटस्पॉट्स की पहचान से सरकारें चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ने की कोशिश करेगी, इसलिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर विशेष टीमें बनाई हैं, ताकि वो वक्त-वक्त पर इसका फीडबैक ले सके और आगे की रणनीति बना सके।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि हॉटस्पॉट वाले इलाकों में टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, हालांकि टेस्टिंग तय प्रोटोकॉल के तहत ही की जाएगी। केंद्र सरकार ने कोविड-19 के रिसपॉन्स के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल और प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के प्रो. विजय राघवन की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन भी किया गया है।