एनआईए करेगी अफगानिस्तान गुरुद्वारा हमले की जांच




राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पिछले महीने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुए हमले की जांच करेगी जिसमें भारतीय नागरिक सहित 27 लोगों की मौत हुई। एजेंसी ने बुधवार को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की जो विदेश में एनआईए द्वारा जांच किया जाने वाला पहला मामला है।
 

एजेंसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एनआईए कानून में संशोधन के बाद यह अपने तरह का पहला मामला है। संशोधित कानून में एनआईए को देश के बाहर किसी भी ऐसे मामलों की जांच करने के लिए सशक्त किया गया है जिसमें भारतीय या भारत का हित प्रभावित हुआ हो।

एजेंसी ने बताया कि मामला भारतीय दंड संहिता और आतंकवाद निरोधी कानून के धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि 25 मार्च को हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रोविंस (आईएसकेपी) ने ली थी।

गौरतलब हो कि 25 मार्च को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद गुरुद्वारे में घुसकर भारी हथियारों से लैस एक आत्मघाती हमलावर ने गोलीबारी की। इस हमले में कम से कम 25  लोगों की  मौत हो गई वहीं आठ लोग घयाल हुए थे। इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। अफगान विशेष बलों ने हमलावार को मार गिराया।

अफगानिस्तान में सिख समुदाय अल्पसंख्यक है। आंतरिक मंत्रालय ने एक बंदूकधारी द्वारा किए गए हमले पर एक ट्वीट में कहा था कि दुर्भाग्य से इस हमले में 25 नागरिक मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए। गुरुद्वारे के अंदर फंसे 80 लोगों को सुरक्षा बलों ने बचा लिया। इससे पहले, अफगान मीडिया ने बताया था कि लगभग छह घंटे तक चले हमले को चार आतंकवादियों ने अंजाम दिया।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि महिलाओं और बच्चों सहित 80 लोगों को गुरुद्वारे से बचाया गया है। आईएसआईएस आतंकवादी समूह ने एक बयान जारी कर पुष्टि की थी कि उसके सदस्यों ने काबुल शहर में सिखों पर हमले को अंजाम दिया।

वहीं, अफगानिस्तान के मुख्य आतंकवादी समूह तालिबान ने गुरुद्वारे पर हमले में अपनी भागीदारी से इनकार किया था। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि आतंकवादी समूह का काबुल के शोर बाजार इलाके में हुए हमले से कोई संबंध नहीं है।