कोरोना से जूझ रहे गरीब देश,बेहद जरूरी सामग्रियों को अमीर देश कई गुना दामों पर भी खरीद रहे हैं।


कोरोना से जूझ रहे गरीब देश मुश्किल में हैं। संक्रमितों की तादाद बढ़ने के साथ ये मेडिकल सामग्रियों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों ने यहां खतरा बढ़ने की आशंका जताई है। आपूर्तिकर्ताओं का ध्यान सिर्फ अमेरिका और यूरोप पर टिका है। वैश्विक स्तर पर मास्क, सैनिटाइजर और टेस्टिंग किट जैसी बेहद जरूरी सामग्रियों को अमीर देश कई गुना दामों पर भी खरीद रहे हैं।
 

इससे अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देश आपूर्ति में पिछड़ रहे हैं। निर्माताओं ने अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों को टेस्टिंग किटों की आपूर्ति से मना कर दिया है। अब विकासशील देशों ने मदद के लिए यूनिसेफ से गुहार लगाई है।

यूनिसेफ में वैश्विक आपूर्ति की देखभाल करने वाले एतलिवा कादिली का कहना है कि उन्होंने 100 देशों के लिए 24 करोड़ मास्क खरीदने की कोशिश की थी लेकिन अब तक सिर्फ 2.8 करोड़ मास्क ही मिल सके हैं। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब और विकासशील देशों को भुगतना पड़ेगा।  

जाम्बिया से मांगी दस गुना कीमत...
जाम्बिया में भी मास्क, टेस्टिंग सामग्री की भारी कमी है। सरकार ने एन-95 मास्क के लिए ऑर्डर देना चाहा तो निर्माता ने दस गुना कीमत मांगी। 

आपूर्ति के लिए मांग रहे 60 दिन का समय
ब्राजील में जांच का काम अटका है। यहां 10 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं  23 हजार जांच जारी हैं। रसायन आपूर्तिकर्ताओं ने साफ कह दिया कि उनके कई महीनों का स्टॉक यूरोप-अमेरिका पहले ही खरीद चुके हैं। अब ब्राजील के ऑर्डर की आपूर्ति के लिए 60 दिन का समय मांगा जा रहा, तब तक संक्रमण हद पार कर चुका होगा।


10 लाख लोगों पर एक आईसीयू बेड



अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया के कई देश न सिर्फ चिकित्सा तंत्र के मोर्चे पर पिछड़े हैं बल्कि उन्हें पर्याप्त फंडिंग भी नहीं मिली है। एक ताजा अध्ययन बताता है कि कई गरीब देशों में प्रति दस लाख लोगों पर केवल एक आईसीयू बेड है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन देशों के लिए ये हालात आगामी दिनों में खतरनाक हो सकते हैं। 

अमीर देशों ने लगाया निर्यात प्रतिबंध
पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डिफेंस प्रॉड्क्शन एक्ट लागू कर दिया। इसके बाद वहां फेस मास्क का निर्यात रुक गया। पिछले माह चीन और यूरोपीय देशों ने भी निर्यात प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि, इस बीच कई निजी फर्में विकासशील देशों की मदद करते हुए भारी मुनाफा कमा रही हैं।

अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया के कई देश न सिर्फ चिकित्सा तंत्र के मोर्चे पर पिछड़े हैं बल्कि उन्हें पर्याप्त फंडिंग भी नहीं मिली है। एक ताजा अध्ययन बताता है कि कई गरीब देशों में प्रति दस लाख लोगों पर केवल एक आईसीयू बेड है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन देशों के लिए ये हालात आगामी दिनों में खतरनाक हो सकते हैं। 




किया आगाह...गरीब देशों में कर्ज संकट बढ़ने का खतरा



कोविड-19 से निपटने के लिए दुनियाभर की सरकारें संघर्ष में जुटी हुई हैं। इसके चलते आर्थिक पतन की कगार पर बैठे देशों के अरबों नागरिकों को आगे चलकर कर्ज के संकट का खतरा उठाना पड़ेगा। यूएन की एक अहम रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

इसमें विकास के लिए वित्त पोषण पर यूएन के नेतृत्व वाली इंटर-एजेंसी टास्क फोर्स ने कई तरीकों की पड़ताल भी की। जिसमें उन तरीकों का विवरण दिया है जिनके जरिये गरीब देशों पर कर्ज के बढ़ते भार से निपटा जा सकता है। महामारी से पैदा आर्थिक-वित्तीय संकट का सामना किया जा सकता है।

यूएन की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा, विश्व बिरादरी पहले से ही गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण सुधार और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के अपने प्रयास में पीछे चल रही है। अब हमारे पास दुनिया और इस ग्रह को बेहतर बनाने का एक मौका है। इस रिपोर्ट में 60 से ज्यादा यूएन एजेंसियों और अंतराष्ट्रीय संस्थाओं के शोध के आधार पर दिए गए सुझाव शामिल हैं। 

कम विकसित देशों को ऋण भुगतान में मिले छूट
मौजूदा उथल-पुथल के चलते निवेशकों ने उभरते बाजारों से लगभग 90 अरब डॉलर निकाल लिए हैं जो अब तक का सबसे बड़ा आउटफ्लो है। इस बीच कोरोना संकट ने गरीब देशों के सामने नया कर्ज संकट खड़ा कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक इससे निपटने के लिए कम विकसित देशों को ऋण भुगतान में छूट मिलना चाहिए या इसको कुछ समय के लिए स्थगित करना चाहिए।




अब मौजेक वायरस की दस्तक



चीन में अब मौजेक वायरस ने दस्तक दी है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार फसलों का यह खतरनाक वायरस चिली से शंघाई पहुंची बीज की खेप से आया है। मेज ड्वार्फ मौजैक वायरस पूरी की पूरी फसल तबाह कर सकता है। 2 बैचों में आए बीजों को नष्ट कर दिया है।

चीन ने पाकिस्तान की मदद के लिए बढ़ाया हाथ
कोरोना के भारी संकट में पाकिस्तान के दोस्त चीन ने उसकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान की मदद के लिए सभी मौसम में सहयोगी चीन ने कोरोना के प्रकोप से लड़ने के लिए मदद के लिए आगे आया है। चीन अब पाकिस्तान को अधिक चिकित्सा आपूर्ति करने के लिए तैयार है। बता दें कि पाकिस्तान में कोविद -19 के मामले तेजी से बढ़कर 4,788 हो गए हैं और मौत का आंकड़ा 71 तक पहुंच गया है। एजेंसी