वेबसाइट और वॉट्सऐप के जरिए पढ़ा रहे टीचर्स,योग और फिजिकल एजुकेशन के सेशन भी


देश के लगभग सभी बड़े स्कूलों में नया सेशन शुरू हो गया है। लेकिन इस बार सेशन की शुरूआत ऑनलाइन हुई है। कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण 10 मार्च से ही अलग-अलग राज्यों में स्कूलों को बंद किया जाने लगा था। फिलहाल 14 अप्रैल तक देशभर के स्कूल बंद रहेंगे। संभावना जताई गई है कि इस बार स्कूल गर्मी की छुट्टियों के बाद ही खुलेंगे। जिन क्लासेस का एग्जाम नहीं हो पाया था, उन्हें टाल दिया गया है और ज्यादातर स्कूलों ने बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया है।  


लॉकडाउन के बीच स्कूलों ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की हैं। स्कूल मोबाइल ऐप, वेबसाइट से लेकर वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। कई स्कूलों ने यू-ट्यूब पर अपने-अपने चैनल्स बना लिए हैं और इनमें अलग-अलग विषयों के टीचर्स चैप्टर वाइज लेक्चर के वीडियो अपलोड कर रहे हैं। लॉकडाउन के बीच बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूलों ने अपने स्तर पर क्या-क्या तैयारियां की हैं, इसे जानने के लिए दैनिक भास्कर ने 10 शहरों के 10 स्कूलों के प्रिंसिपल, टीचर्स और बच्चों से बात की। पढ़िए ये रिपोर्ट..


जालंधर के पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल में सुबह 8 बजे से क्लासेस लगती हैं। हर विषय के लिए 30-30 मिनट की क्लास होती है, बीच-बीच में 15 मिनट का ब्रेक भी देते हैं। 90% बच्चे इन ऑनलाइन क्लासेस में शामिल होते हैं। यहां जूम ऐप के जरिए पढ़ाई हो रही है। ठीक 8 बजे बच्चे एप खोलते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में टीचर सामने होते हैं। शिक्षक जो पढ़ाते हैं, बच्चे उसे नोट भी करते जाते हैं।


शहर के एक दूसरे स्कूल इनोसेंट हार्ट पब्लिक स्कूल में हर दिन एक विषय की पढ़ाई होती है। सुबह 9 बजे बच्चों को वाट्एसप ग्रुप पर स्टडी मटेरियल भेज दिया जाता है। इसके बाद दोपहर 1 से 2 बजे के बीच बच्चे अपने डाउट्स क्लियर करते हैं। वहीं प्राइमरी के बच्चों को ड्राइंग कलरिंग जैसी एक्टिविटी बेस लर्निंग ऑनलाइन करवाई जा रही है।


अमृसर में शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को घर बैठे पढ़ाने के लिए व्हाट्सएप का सहारा लिया है। अमृतसर जिले के सभी बच्चों के अभिभावकों का भी एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार करने पर काम शुरू हो चुका है। इसके जरिए सिलेबस बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों तक भी पहुंचता रहेगा। जिन बच्चों और उनके अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, वहां ऑनलाइन क्लासेस का यह सिस्टम काम नहीं कर पा रहा है।


लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल के 18 कैंपस में 56 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। यहां करीब साढ़े 4 हजार टीचर भी हैं। इन्होंने गूगल क्लास रूम से टाईअप किया गया है। हर एक छात्र और शिक्षक को ईमेल आईडी दी गई है, इसी से गूगल क्लासरूम पर लॉगिन होता है। प्रिंसिपल भी अपने टीचरों से हर दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग करके लेसन प्लान करते हैं और बच्चों की पढ़ाई का फीडबैक लिया जाता है। स्कूलों को बंद हुए लगभग 10 दिन हो गए हैं लेकिन करीब 35 हजार से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई नए सिस्टम के साथ बिना रुकावट जारी है। यही नहीं पीटी, योगा और अन्य सभी तरह की फिल्जिकल एक्टिविटी की क्लास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही है।


पुणे के वालनेट स्कूल में ऑनलाइन क्लासेस का सिस्टम बहुत पहले से चल रहा है। स्कूल का अपना लर्निंग ऐप 'वाल्मीकि' है, इसमें सिलेबस, स्टडी मटेरियल के साथ-साथ टेस्ट, रिवीजन का सेक्शन भी है। पढ़ाई को मजेदार बनाने के लिए डांस वीडियो भी एप में डाले जा रहे हैं।


चंडीगढ़ के कुछ बड़े स्कूलों ने अपनी बोर्ड क्लासेज के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं। कुछ ही दिनों में ये बाकी क्लासेस के स्टूडेंट्स की भी ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो जाएंगी। बोर्ड क्लासेस के स्टूडेंट्स को पावरपाॅइंट प्रजेंटेशन और क्योश्चन बैंक बनाकर भेजे जा रहे हैं। सेक्रेड हार्ट स्कूल में भी अभी बोर्ड क्लासेस के स्टूडेंट्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पढ़ाया जा रहा है।