खुशखबर: SBI ने बदला नियम, लोन लेने वाले ग्राहकों को होगा फायदा


भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को बड़ी राहत दी। एसबीआई ने रिटेल लोन के लिए सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) रीसेट फ्रीक्वेंसी को एक साल से घटाकर छह महीने कर दिया है। इसका सीधा फायदा एसबीआई के होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को होगा। एसबीआई ने ट्वीट कर कहा कि, 'अब ग्राहक एक साल का इंतजार किए बिना ब्याज दर में कमी का लाभ उठाएंगे। एसबीआई ने एमसीएलआर रीसेट फ्रीक्वेंसी को छह महीने कर दिया है।'


तत्काल प्रभाव से लागू हुआ नियम


नया नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। पहले कम ब्याज दर होने पर भी ग्राहकों को इसका फायदा लेने के लिए पूरे एक साल का इंतजार करना पड़ता था


जुलाई में कम की थी दरें
वर्तमान में एसबीआई का एक साल का एमसीएलआर सात फीसदी है, जबकि छह महीने का एमसीएलआर 6.95 फीसदी है। जुलाई में एसबीआई ने क्रेडिट और मांग को बढ़ावा देने के लिए शॉर्ट टर्म एमसीएलआर दरों में कटौती की घोषणा की थी।

क्या है एमसीएलआर?
बैंकिंग क्षेत्र के नियामक रिजर्व बैंक ने एक अप्रैल 2016 से देश में मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग के आधार पर एमसीएलआर की शुरुआत की थी। उससे पहले सभी बैंक आधार दर के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे।

एसबीआई संपत्ति, जमा, शाखाओं, ग्राहकों और कर्मचारियों के मामले में देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक है। यह देश का सबसे बड़ा बंधक ऋणदाता भी है। 31 मार्च 2020 तक, बैंक का डिपॉजिट बेस 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। एसबीआई का दावा है कि होम लोन में उसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 34 फीसदी और ऑटो लोन में लगभग 33 फीसदी है। 22,000 से अधिक शाखाओं के साथ बैंक का भारत में सबसे बड़ा नेटवर्क है। बैंक के 58,000 से अधिक एटीएम व सीडीएम नेटवर्क हैं।