योगी सरकार में अपराधी खेल रहे हैं क्रिकेट,हत्यारोपी निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार को अबतक नहीं पकड़ पाई सरकार- अजय कुमार लल्लू

 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी दावा करते हैं कि पुलिस के डर से माफिया भाग रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि इस सरकार में अपराधी पुलिस पर भारी पड़ते हैं और पुलिस को भागना पड़ता है। अपराधियों को बढ़ावा देकर इस सरकार ने कई मौकों पर पुलिस का मनोबल तोड़ा है।


उन्होंने कहा इसी सरकार में उत्तर प्रदेश के मोस्ट वॉन्टेड और हत्यारोपी निलंबित आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार अभी तक फरार है। कुछ ही महीने पहले जौनपुर में पुलिस टीम पर दबंगों ने हमला किया। मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गोरखपुर में ही कानपुर के कारोबारी की हत्या पुलिस वालों ने कर दी। यह कुछ घटनाएं सामने हैं, मुख्यमंत्री सिर्फ कागजी दावे करते हैं, लेकिन जमीनी सच यही है कि इस सरकार में दबंग और माफिया से लोग परेशान रहे हैं।   


प्रदेश अध्यक्ष जी ने कहा कि पांच साल में प्रदेश में हुए क्राइम को देखें तो पता चलता है कि देश में आज भी सबसे ज्यादा हत्याएं यूपी में ही हो रहीं हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक, 2016 से 2020 तक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं। इस दौरान अलग-अलग शहरों में वारदातों में 20 हजार से अधिक लोगों का कत्ल हुआ। जबकि 2017 से 2019 तक यहां अपहरण के 58 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी व्यवस्था में सुधार की बात करते हैं, लेकिन इसी सरकार में भय, भूख और भ्रष्टाचार उत्तर प्रदेश की पहचान बन गया है। योगी सरकार की नीतियों के चलते युवाओं के ऊपर जुल्म, ज्यादती और अत्याचार हुआ है, आज प्रदेश का युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। अनेक भर्तियों में गड़बड़ियों के चलते या तो नौजवान कोर्ट के चक्कर काट रहा है या फिर सड़कों पर आंदोलन कर रहा है, लाठी खा रहा है, जेल जा रहा है। उन्होंने कहा बीते पांच वर्ष में योगी सरकार ने सिर्फ प्रचार, विज्ञापन, होर्डिंग, बैनर, टीवी मैनेजमेंट के अलावा रोजगार देने का कोई काम नहीं किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अन्य राज्यों में जाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट है, अपराधी बेलगाम हैं और महिलाओं पर अत्याचार कई गुना बढ़ गए हैं।