फर्जी मुकदमे में फंसा कर की जा रही है पैसों की मांग

 


लखनऊ 10 मई जो महिला वर्ष 2014 में मृत घोषित की गयी और स्वयं उसके पति द्वारा पुष्टि की गयी और उसका दाह संस्कार की प्रमाणित रसीद भी प्राप्त हुई अब वही महिला पुर्नजीवित होकर अपने पति के साथ मिलकर लखनऊ बंटी -बबली का खेल रही है और एक सिंडिकेट बनाकर पुलिस को गुमराह करके फर्जी तरीके से लोगों पर मुकदमा करवा रही है और लोगों से ठगी करना व रंगदारी करना इन बंटी-बबली का आये दिन का कार्य हो गया है।  लखनऊ के हजरतगंज में आयोजित एक प्रेस वार्ता में इन बंटी-बबली से पीडित अन्तर्गत थाना-कृष्णानगर, निवासी आदित्य दीक्षित ने इन पति-पत्नी पर गम्भीर आरोप प्रमाणित दस्तावेजों एवं साक्ष्यों के आधार पर लगाये हैं। श्री आदित्य दीक्षित का कहना है कि सूर्यमुखी पत्नी प्रभाकर मिश्रा की मौत 2014 में हो गयी, जिसकी पुष्टि स्वयं उनके पति प्रभाकर मिश्रा के द्वारा एक रजिस्टर्ड विक्रय विलेख में किया गया है। मृतक सूर्यमुखी मिश्रा का अन्तिम संस्कार की प्रमाणित रसीद भी जारी किया गया है। वह मृतक महिला पुर्नजीवित कैसे हो गयी और फिर सूर्यमुखी मिश्रा ने मुझ प्रार्थी पर वर्ष 2022 में झूठा मुकदमा कैसे कर दिया यदि वह जीवित है तो वर्ष 2014 में इन पति-पत्नी ने और उनके सहयोगियों किस महिला का हत्या कर शमशान घाट में अन्तिम संस्कार कर दाह संस्कार की प्रमाणित रसीद प्राप्त की वह महिला कौन हो सकती है जिसका अन्तिम संस्कार प्रभाकर मिश्रा ने किया और सूर्यमुखी मिश्रा के नाम पर दाह संस्कार की प्रमाणित रसीद प्राप्त की। इन पति-पत्नी ने मिलकर पहले मुझ प्रा्थी पर फर्जी तरीके से मुकदमा करयाया और फिर समझौते के तौर पर 50 लाख रूपये की मांग कर रहे हैं और धमकी दी है कि सीधे तरीके से बात मान लो वरना जान से हाथ धो बैठोगे। आदित्य दीक्षित ने यह भी आरोप लगाया कि थाना-कृष्णानगर पुलिस एवं पुलिस प्रशासनिक उच्च अधिकारियों ने भी इन पति-पत्नी के द्वारा गुमराह करके अपने सिंडिकेट सदस्य जीतेन्द्र पाठक पत्नी कनक पाठक के साथ मिलकर प्रार्थी की साथ ठगी व रंगदारी वसूलने का कार्य कर रहे हैं और साथ में धमकी भी दे रहे हैं कि मेरे राजनेता व प्रशासनिक अधिकारियों के से अच्छे सम्बन्धः हैं, मेगा कोई कछ नहीं बिगाड़ सकता, यदि पुलिस उच्चाधिकारियों के द्वारा इन बंटी-बबली के सिंडिकेट की जांच करवाय॑ पूरे मामले का फर्दा साफ हो जायेगा।