राजधानी लखनऊ में कानूनी आतंकवाद से जंग विषय पर हुई प्रेसवार्ता



राजधानी लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में आतंकवाद से जंग विषय पर प्रेस वार्ता  की गई जिसका उद्देश्य यही है कि बहुत सारे लोगों को न्याय की प्रक्रियाओं के बारे में पता नहीं है। जिससे उनको न्याय मिलने में बहुत परेशानी होती है। कई बार न्यायात्रय में लोगों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया जाता है। जिससे उनका मुकदमा कई सालों तक चलता है। जिस से उनका व्यापार , नौकरी प्रभावित होता है। कई लोगों के घर , संपत्ति बिक जाते हैं। कई लोग डिप्रेशन में जाकर आत्महत्या कर लेते हैं। उनके बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाता है। बच्चे और नौजवान पीढ़ी देश का भविष्य है। बच्चों और नौजवानों का भविष्य खराब होगा तो देश कैसे तरक्की करेगा। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार कई लाख व्यक्ति प्रति वर्ष भारत में आत्महत्या करते हैं। किसी भी देश में यदि उस देश के लोग आत्महत्या करते हैं तो यह देश की अपूर्तनिय क्षति होती है। आप एक लोकतांत्रिक देश के चौथा स्तंभ है। आपकी पहुंच आम लोगों तक है। हमारे पास जितनी जानकारी है। इस प्रेस वार्ता के माध्यम से  लोगों तक ही पहुंच सकती है। लेकिन यदि आप इस जानकारी को और लोगों तक अपने अखबार के माध्यम से पहुंचाते हैं तो आपकी वजह से कई लोगों की जिंदगी बच सकती है। आज की वार्ता का विषय है। कानूनी आतंकवाद से जंग जिसमें इस वार्ता में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई है।

1आर्डर शीट पर लिखी गई बात का मतलब

2 न्यायालय द्वारा आपका आवेदन   लेने से मना करने पर क्या करें

 3 न्यायालय  द्वारा डेट पर डेट देने पर  क्या करें।

 4 विपक्षी द्वारा वारा जवाब ना दी   जाने पर क्या करें।

 5 आपके द्वारा डेट लेने का मतलब 

उपरोक्त पांचों बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। आज की प्रेस वार्ता की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है। जिसके प्रमुख अंशो को हम अपने यूट्यूब चैनल एक नई सोच मेँ अपलोड करेंगे। जिससे आज के बाद जो लोग हमारे यूट्यूब चैनल एक नई सोच के वीडियो को देखेंगे तो उन्हें उपरोक्त बिंदुओं पर की गई चर्चा के बारे में पता चल जाएगा। एक नई सोच चैनल पर ५० से ज्यादा वीडियो अपलोड है तथा 9440 सब्सक्राइबर है। 


इस प्रेस वार्ता में कर्नाटक से मोहम्मद हुसैन भी आए हैं। मोहम्मद हुसैन के ऊपर उनकी पत्नी ने झूठे मुकदमे किए। मोहम्मद हुसैन ने अपने मुकदमों को ठीक से लड़ा। जिससे उन्होंने न्यायालय में अपने ऊपर हुए झूठे मुकदमों में एक भी रुपया नहीं दिया। जब उनकी पत्नी को एहसास हुआ कि अब उनका नुकसान हो सकता है तो उन्होंने दोनों मुकदमे. वापस ले लिए। 

अपना मुकदमा ठीक से लड़ेंगे तो वह अपना मुकदमा जरूर जीतेंगे। जिससे झूठा मुकदमा करने वालों का हौसला टूटेगा और लोग झूठे मुकदमे करना बंद करेंगे। जिससे न्यायालय मे झूठे मुकदमों की संख्या में कमी आएगी और लोगों को जल्द न्याय मिलेगा) 

 आम साधारण लोग अपने झूठे मुकदमे को ठीक से लड़कर और जीतकर झूठा मुकदमा करने वालों को सबक सिखाएंगे। मुकदमा जीतने के बाद देश की तरक्की में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।