उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में भी हिंदी पैटर्न लागू किया जाएगा। इसे लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पुस्तक तैयार करने की जिम्मेदारी अलग- अलग मेडिकल कॉलेजों को दी जाएगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने की मंशा जाहिर की है। मध्य प्रदेश में इस पैटर्न को लागू कर दिया गया है। ऐसे मे प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से नए सिरे से पैटर्न तैयार किया जाएगा। क्योंकि यहां विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के प्रोफेसर पहले से ही हिंदी में किताबें लिख चुके हैं। पहले से किताब लिखने वाले विशेषज्ञों की कमेटी भी बनाने की तैयारी है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग केमुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई विधिवत की जाएगी। इसकी कवायद शुरू की जा रही है। हर पहलू का अध्ययन किया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता किसी भी कीमत पर कम नहीं होने दी जाएगी। यहां कुछ किताबें पहले से मौजूद हैं। उनकी गुणवत्ता भी परखी जाएगी। फिर नए सिरे से पाठ्यक्रम का पैटर्न निर्धारित किया जाएगा। अलग- अलग चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल कॉलेजों को पुस्तकें तैयार करने की जिम्मेदारी दी जा रही हैं।