श्री जयनारायण मिश्र महाविद्यालय में, अंतर महाविद्यालय युवा सांस्कृतिक प्रतियोगिता "दिव्यांकुर 2022" का समापन



श्री जय नारायण महाविद्यालय में दो दिवसीय, अंतर महाविद्यालय, सांस्कृतिक प्रतियोगिता,दिव्यांकुर का रंगारंग समापन समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, डॉ हरिओम ने छात्र छात्राओं से कहा कि, हमारी सभ्यता और संस्कृति के मूल, प्रकृति,  प्रेम और एक दूसरे के प्रति आदर करने मे छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर हम, लोगों से प्रेम नहीं करते तो हमारा जीना व्यर्थ है।



 प्रकृति से हम बहुत कुछ सीखते हैं। संगीत, कला और संवेदनशीलता जो भी प्राकृतिक है वह रुचिकर है। प्रकृति में कुछ भी अप्रीतिकर नहीं है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि, जीवन में कामयाबी ही सब कुछ नहीं है। जीवन के लिए प्रेम, संगीत, आनंद के साथ लोगों के लिए समय निकाल कर रखते हुए जीवन में संतुलन आवश्यक है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संदेश दिया कि,  अगर कामयाबी खुशियां न दे तो, फिर जीवन का क्या मतलब।


उन्होंने अपने गीत मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं 

सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं .... सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध किया।

 समापन समारोह की अध्यक्षता, महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, श्री वी.एन. मिश्र ने की। 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, हमारी संस्कृति, हम को सशक्त बनाने वाली प्राचीन विरासत है। संस्कृति को सहेज कर चलने मे हीं हमारा उज्जवल भविष्य छिपा है। 

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि, मंत्री प्रबंधक, श्री जी सी शुक्ला ने  विजयी प्रतिभागियों को बधाइयां देने के साथ-साथ प्रतिभाग करने वाले अन्य प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया। महाविद्यालय प्राचार्य, प्रो मीता साह ने "दिव्यांकुर 2022" के सफल आयोजन के लिए सांस्कृतिक समिति का आभार प्रकट करते हुए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं पुष्प गुच्छ देकर किया। उन्होंने कहा कि कल के अवकाश के बावजूद, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की प्रतिभागिता से यह संदेश मिला कि, जब बात संस्कृति और विरासत की हो, तब अपनी कला और प्रतिभा के माध्यम से छात्र-छात्राएं इसे पुष्प पल्लवित करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

महाविद्यालय के उप प्राचार्य, प्रो विनोद चंद्रा ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के उत्साह की मुक्त ह्रदय से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, छात्र-छात्राओं के जोश को देखकर उनसे एक आशा की किरण निकलती दिखाई देती है।

सांस्कृतिक समिति की संयोजक, 

प्रो पायल गुप्ता ने 2 दिन चली प्रतियोगिता की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए, विजयी प्रतिभागियो  के नाम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि, प्रतियोगिता में आज, समूह नृत्य, समूह गीत, लोक नृत्य, एकल नृत्य, नृत्य नाटिका, पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिताओं के साथ-साथ वर्किंग मॉडल प्रतियोगिता आज संपन्न हुई। 

इस अवसर पर दिव्यांकुर 2022 की "ओवरऑल चैंपियन ट्रॉफी"  केकेसी कालेज को दी गई। 

समापन समारोह के आरंभ में अमन सोनी एवं सूर्या के गीत " तू माने या ना माने दिलदारा, असीदा तेनु रब मन्या" ने कार्यक्रम में समां बांध दिया। छात्र-छात्राओं ने  "ढोल जगीरा दा" गीत पर जमकर ठुमके लगाए। 

वही घर मोरे परदेसिया लोकगीत पर छात्र-छात्राओं के समूह ने प्रभावी नृत्य से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। 

इस अवसर पर अनु गुप्ता के  गीत " पिये  अपनी मर्जी जाम खुशी वाले"ने पंडाल में सभी का ध्यान खींचा।

"हमारी संस्कृति हमारी विरासत, हमारे राष्ट्र की जान है" शीर्षक दर्शाते हुए छात्र छात्राओं ने आकर्षक पोस्टर बनाकर भारतीय संस्कृति के प्रति, दर्शको में स्पंदन उत्पन्न किए।

डॉ शिवांगी शर्मा ने समापन समारोह का संचालन किया। सांस्कृतिक समिति के सदस्य डॉ विजय राज श्रीवास्तव ने "दिव्यांकुर 2022" के सफल आयोजन में सहयोग देने के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर अनेकों महाविद्यालयो के छात्र-छात्राएं, उनके अभिभावक एवम शिक्षक उपस्थित रहे।