राजधानी लखनऊ में उ०प्र० माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन गुट का सरकारी नीतियों के विरुद्ध धरना प्रदर्शन

 


 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्तविहीन गुट )उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक महासंघ का संयुक्त प्रदर्शनी इको गार्डन लखनऊ में प्रबंधक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हवलदार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ धरने को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन के प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षक एम०एल०सी० वाराणसी लाल बिहारी यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार शिक्षा को पूंजीवाद के हवाले करना चाहती है गरीब किसान मजदूर व मध्यवर्गीय परिवार चाहे जिस जाति बिरादरी का हो शिक्षा से वंचित हो जाएगा क्योंकि विद्यालयों को बड़े उद्योगपतियों के हवाले होने से फीस काफी बढ़ जाएगी जो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगी जिसका उदाहरण सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के मान्यता की शर्तों में किए गए संशोधन प्रस्ताव दिनांक 23/08/2022 से स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है जिसमें मान्यता शुल्क हाई स्कूल 50 हजार इंटरमीडिएट एक लाख के स्थान प्रभूत कोश 15 हज़ार के स्थान पर 7 लाख व सुरक्षित कोष 3 हजार के स्थान पर ढाई लाख का प्रस्ताव दिया गया है तथा स्थाई मान्यता अस्थाई कर नवीनीकरण करने की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है जिसके संबंध में धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के प्रस्ताव को मूलता वापस करने की मांग की गई है धन्य को कमलेश उपाध्याय प्रदेश अध्यक्ष ने संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव प्रबंधकों व शिक्षकों को मंजूर नहीं है जिसको सरकार वापस लेना चाहिए धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव रामबदन यादव ने कहा कि यह प्रस्ताव शिक्षा में पूंजीवाद को बढ़ावा दे रहा है प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हवलदार सिंह ने कहा कि सरकार की फीस बढ़ोतरी का रवैया मनमानी है। प्रदेश महासचिव ईश्वर चंद यादव ने गरीबों की शिक्षा के साथ घोर अन्याय बताए हैं । उत्तर प्रदेश धरने को प्रदेश से आए हुए तमाम जिलाधिकारी व प्रदेश के पदाधिकारियों ने संबोधित किया । पंकज यादव, संजय यादव, लहरी सिंह, राम गोविंद प्रजापति, डॉ० एस०पी० सिंह पटेल, करुणा कांत मोर्य, प्रियंका यादव, शिव प्रताप यादव, राम सुंदर पांडे, रीता चौधरी ,ओम प्रकाश यादव, इंद्रपाल सिंह ,चरण सिंह , नीलम यादव, लंकेश बापू बृजेश श्रीवास्तव ,विनोद ,कुलदीप वर्मा, ओम प्रकाश आंबेडकर, भीम नारायण यादव, जैन कुशवाहा