राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, उ0प्र0 के 75वें महाधिवेशन के अवसर पर केन्द्रीय महासचिव का प्रतिवेदन



लखनऊ, संगठन के 75वें महाधिवेशन “ हीरक जयन्ती समारोह “ क॑ इस महापर्व की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय अध्यक्ष रा०वि०प०जू०इं०सं०उ०प्र०  इं० जी० वी० पटेल जी, मुख्य अतिथि महोदय, विशिष्ट अतिथिगण ,मंचासीन संगठन के संरक्षकट्टय इ० सतनाम सिंह, इं० एस० बी० सिंह, विद्धान मार्गदर्शशगण, आदरणीय इं० एस०एसी० दीक्षित जी, सुरेश चन्द्र सिंह जी, इं० एस० एम० सिंह, इं० कप्तान सिंह जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आईफोपड इं० आर० के० त्रिवेदी जी देश के विभिन्‍न प्रान्तो से पधारे ऊर्जा सेक्टर के सम्मानित प्रतिनिधिगण, उ०प्र० डिप्लोमा इंजिनियर्स महासंध के विभिन्‍न घटक संघ के सम्मानित प्रतिनिधिगण, उ0प्र0 ऊर्जा क्षेत्र के विमिन्‍न सेवा,/श्रम संगठनों के सम्मानित प्रतिनिधिगण, पत्रकार बन्धुओं एवं प्रदेश के कोने-कोने से हजारों कीं संख्या में पधारें 


संगठन की मूल शक्ति प्रिय अवर अभियन्ता/ प्रोन्‍नत अभियन्ता मित्रों एवं देवीतुल्य बहनों | आप सभी का संगठन के इस 75 वें महाधिवेशन के अवसर पर लक्ष्मणनगर व तहजीब की नगरी 

के उपनाम से सुविख्यात उ0प्र0 की राजधानी लखनऊ की धरा पर रविन्द्रालय प्रेक्षागृष्ट में हार्दिक 

स्वागत एवं अभिनन्दन है। मुख्य अतिथि यशस्वी कैबिनेट ऊर्जा मन्त्री  मा0 ए0 के0 शर्मा जी एवं अति विशिष्ट अतिथि 

ऊर्जा राज्य मंत्री मा0 श्री सोमेन्द्र तोमर जी आपने अपने अत्यन्त व्यस्ततम समय में से अमूल्य समय निकालकर हम सबके बीच में मार्गदर्शन प्रदान के लिए उपस्थित होकर सम्मेलन की महत्ता एवं भव्यता में चार चांद  लगा रहे है, आपका संगठन की ओर से कोटि-कोटि अभिनन्दन एवं हृदय से आभार


 महाधिवेशन जो कि दिनांक 20 दिसम्बर 2022 से प्रारम्भ होकर दिनांक 21, दिसम्बर-2022 को सायंकाल को सम्पूर्णता को प्राप्त कर सकेगा में उ0प्र0 ऊर्जा क्षेत्र मे 'सस्ती बिजली, हर घर बिजली, हर पल बिजली' का लक्ष्य प्राप्ति में धरातल पर कार्य सम्पादन में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर कर ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार की गुंजाइश एवं अवर अभियन्ता/प्रोन्‍्नत् अभियन्ताओं की सेवा सम्बन्धी संवर्गीय समस्याओं पर विस्तार से चर्चा परिचर्धा की जायेंगी। 


आप सहमत होंगे कि जहीं देश में विकास का सूचकांक सामान्यतः प्रति व्यक्षि आय है वही आज दुनिया के किसी भी राष्ट्र के उन्‍नति, सम्पन्नता एवं विकास का मूल पैमाना प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत हो चला है। यही कारण' रहा है कि वर्षो-वर्षो गुलामी की जंजीरों से मुक्त होकर अगस्त 1947 के पश्चात आजाद भारत देश में भारतीय विद्युत आपूर्ति अधिनियम-1948 लागू कर देश मे विद्युत क्षेत्र के विभिग्न छोटी-छोटी इकाइयोाँ को एकीकृत कर राज्य विद्युत परिषदों का गठन किये गये एवं विद्युत के क्षेत्र मे अमूतपूर्व कार्य किये गये, जिसका प्रतिफल रहा कि वेश में कृषि क्षेत्र से लेकर औद्योगिक क्षेत्रों में भारी क्रान्ति आयी, हालांकि देश में जनसंख्या वृद्धि के क्रम में विद्युत की खपत में भी बेतहाशा वृद्धि हुयी जिसे लेकर ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार की मंशा से देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद द्वारा वर्ष-1999 में भारतीय विद्युत सुधार अधिनियम बनाकर न सिर्फ उ0प्र0 अपितु देश के विभिन्‍न प्रान्तों में विद्युत परिषदों का निगमीकरण किया गया।