आठवें दिवस पर उत्तरायणी कौथिग आज उमड़ी दर्षकों की भीड़

                          



लखनऊ। उत्तरायणी कौथिग 2023 के आठवें दिन कार्यक्रम भगवान बागनाथ जी मन्दिर (प्रतीक) में जोकि निरन्तर 10 दिन तक कार्यक्रम स्थल पर प्रज्वलित रहती है विधिवत पूजा अर्चना छोलिया दल के साथ कार्यक्रमों का शुभ आरम्भ हुआ ।

10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग का ऐतिहासिक महत्व उत्तरायणी कौथिग(मेले) को स्थानीय भाषा में घुघतियां त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है इस दिन संगम स्थल पर उत्तरायणी कौथिग को विषेष आयोजन होता है जो कि कई दिनों तक चलता है। 

सन 1905 में ई शर्मन ओखले जोकि ब्रिटिष लेखक थे और लन्दन मिषनरी के साथ भारत आये थें, उन्होने अपने पुस्तक ‘होली हिमालयाज‘ में लिखा है कि यह कौथिग(मेला) कुॅमाऊ का सबसे बड़ा मेला है जिसमें हजारों एवं लाखों संख्या में श्रद्वालु/दर्षक आते है। प्राप्त प्रमाणों के आधार पर माना जाता है कि चन्द्र वंषीय राजाओं के शासन काल में ही इस माघ कौथिग(मेला) की नींव पड़ी थी, आज यह वृहत रूप ले चुका है उत्तरायणी कौथिग(मेला) अब हर शहर में मनाया जा रहा है। सायंकालीन सत्र में मुख्य अतिथि भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री भारत सरकार अजय भट्ट एवं विषिष्ट अतिथि बृजेष सिह लोक निर्माण राज्य मंत्री ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मंत्रोउच्चारण के साथ किया, मुख्य संयोजक टी एस मनराल, संयोजक के एन चन्दोला, अध्यक्ष गणेष चन्द्र जोषी, महासचिव महेन्द्र सिह रावत एवं मोहन सिह बिष्ट ‘मोना‘ ने माल्यापर्ण एवं प्रतीक चिन्ह देकर मुख्य अतिथि व स्वागत किया, व  संरक्षक मण्डल , केन्द्रीयकार्यकारणी, युवा प्रकोष्ठ, सैनिक प्रकोष्ठ धार्मिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने भी पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।

दिन के कार्यक्रमों में 

अपनी बोली भाषा एवं संस्कार समर्पित कार्यक्रम के अर्न्तगत - झोड़ा नृत्य नीलमथा मुन्नी रावत के नीलमथा कठरी बाग से कमला रावत, नील मथा पटेल नगर से ललिता पिल्खववाल,नीलमथा विजय नगर से गंगा भटट ,पंत नगर से हेमा डोलिया एवं सुधा चन्दोला ,भरत नगर, प्रीति नगर में प्रतियोगिता आयोजित हुई,

’’झूमिगो’’ छपेली प्रतियोगिता मैं इन्दिरा नगर -2 की बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति रही जिसमें नृत्य निर्देषिका दीपा पाण्डेय ने नेतृत्व फाइन्ल  राउंड में पहुँची गोमती नगर की टीम, इन्दिरा नगर प्रथम , तेलीबाग, ज्वहार सांस्कृतिक संगठन टीमों ने प्रतिभाग किया,  इन प्रतियोगिताओं के निर्णलायक गोपाल दत्त जोषी, हरीष सनवाल व पियूष पाण्डेय ने संचालन की भूमिका में रहे।       कौथिग में डेली प्रश्न उत्तरी व सामान्य ज्ञान की जानकारी के बारे में परिषद के संयोजक के एन चन्दोला के द्वारा दिया जाता है।दिन के प्रतियोगिताओं का संचालन राजेष भटट के द्वारा किया गया।

सायंकालीन सत्र के कार्यक्रम

पर्वतीय महापरिषद का टाइटिल गीत - उत्तराखण्ड देवभूमि तेरो जय..जयकार छ.....के साथ सांस्कृतिक प्रभारी महेन्द्र पंत एवं सांस्कृतिक सचिव गोविन्द बोरा के निर्देषन में प्रस्तुति साथ हुआ।

       सायंकालीन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य अतिथि भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री भारत सरकार अजय भट्ट द्वारा सांस्कृतिक बेला का षुभारम्भ किया और कहा कि लखनऊ में होने वाले उत्तरायणी कौथिग में प्रति वर्ष आने का मौका मिलता है, उन्होने कहा कि हम लोग यहां पर रहकर अपनी संस्कृति को जिवंत रखे है ये अच्छी बात है लेकिन आप लोग अपने पेतृक गांव भी जाना चाहिए।  आप लोग अपनी जन्म भूमि को कतई न छोड़ें, क्योंकि ये पूर्वजों के त्याग से बसाई गयी धरोहर है, कोरोना काल में कई लोग जो अपने गाँव वापस गए उनके आसरे का एकमात्र सहारा उनके गाँव ही बने।   

महापरिषद के अध्यक्ष गणेषा चन्द जोषी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुऐ आभार व्यक्त किया और कहा कि आपका सान्धिय हमेषा मिलता रहता है और जब भी हम उत्तराखण्ड जाते है कार्यक्रमों के लिए आप के माध्यम से ही हमें सांस्कृतिक टीमें मिलती है।

महापरिषद के महासचिव महेन्द्र सिह रावत ने मुख्य अतिथि के सामने लखनऊ के पर्वतीय महापरिषद भवन में पर्यटन जागरूकता हेतु एक केन्द्र स्थापित करने की मांग रखी। 

इस अवसर 10 विभिन्न सामाजिक क्षेत्रो मेंं कार्य कर रहे कर्मठ विभुतियों को सम्मानित किया गया, डा0 एम सी पंत चिकित्सा सम्मान डा0 रितेंष जुयाल, दिवान सिह डोलिया कला सम्मान गणेष जोषी, गोपाल उपाध्याय साहित्य सम्मान महेष चन्द सकलानी “दिनेष” युवा सम्मान शंकर पाण्डेय, गौरा देवी सम्मान चित्रा काण्डपाल, खेल सम्मान यष वर्धन सिह नेगी, बी.एम.शाह नाटय सम्मान पीयूष पाण्डेय व उत्तरायणी विषेष सम्मान पूरन जोषी को दिया गया।


उत्तराखण्ड संस्कृति विभाग के सहयोग से खटीमा उत्तराखण्ड से षंकर सिंह, अषोक खड़का एवं कोमल राणा के निर्देषन में ’’व्याख्या जनजागृति सांस्कृतिक समिति’’द्वारा जिसमें किरण राणा गायिका, रविराज गायक  नन्दा राजजात यात्रा , एवं देवीधुरा का बग्वाल नृत्य पर मनोहर सिह, अमित, षिव राज ,मधु राणा ,पूजा एवं शीतल अपनी प्रस्तुतियां दी।

       लखनऊ उत्तरायणी कौथिग 2023 में आज शनिवार होने के नाते दर्षकों से पूरा कौथिग मैदान खचाखच भरा हुआ था, वही स्टालस वालों के चेहरे पर खुषी झलक रही थी , उत्तराखण्ड अल्मोडा से बाल मिठाई के विक्रेता दिवान सिह बिष्ट व लाल सिह ने बताया कि लोक बाल मिठाई को काफी पसन्द कर रहे है।कौथिग स्थल में इस बार हुडई मोटर व रॉयल इनफिन्ड बुलेंट सुनील किमोटी के सहयोग से स्टाल्स भी लगे है जिसमें बुकिंग पर काफी अच्छा छूट भी प्रदान किया जा रहा है। 

       उत्तरायणी कौथिग 2023 के मंच से आज रेड क्रॉस सोसाईटी से आए षफीक जमा, रजनीष डोबरियाल (आपदा राहत प्रभारी) व रासवेन्द्र षाही द्वारा वृद्ध, मजदूर सफाई कर्मचारी एवं जरूरतमंदों को लगभग सौ से अधिक कम्बल दिए गए। 

कार्यालय व्यवस्था में कई देवेन्द्र मिश्रा, के सी पंत, धन सिह मेहता ,आनन्द सिह भण्डारी,गोपाल गरवाल, पूरन जोषी, एन के पाठक, बसंत भटट, बिषन दत्त जोषी , डी डी भटट,के डी पाण्डेय अन्य  लोग उपस्थित थे।

दिनांक 22 जनवरी 23 के 9वें दिवस पर होने वाले कार्यक्रमचित्रकला, अल्पना, निबन्ध एवं मेंहदी की प्रतियोगिताएं दिनांक 22 जनवरी को दोपहर 2 बजे से आयोजित की जाएंगी।