वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में विकास दर 4.5 फीसदी रही। सुस्ती के चलते पहली तिमाही में विकास दर पांच फीसदी रही थी। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को इन आंकड़ों को जारी किया था। यह छह साल (26 तिमाही) में सबसे कम है। इससे कम 4.3 फीसदी जनवरी-मार्च 2013 में रही थी। जीडीपी ग्रोथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सुस्ती की वजह से ज्यादा प्रभावित हुई। इस सेक्टर की ग्रोथ (-)1 फीसदी रही। पिछले साल सितंबर तिमाही में 4.9 फीसदी थी।
पिछली पांच तिमाहियों में कैसे चली जीडीपी
अप्रैल-जून, 2019 | 5 फीसदी |
जनवरी-मार्च, 2019 | 5.8 फीसदी |
अक्तूबर-दिसंबर, 2018 | 6.6 फीसदी |
जुलाई-सितंबर, 2018 | 7.1 फीसदी |
अप्रैल-जून, 2018 | 8.2 फीसदी |
जीडीपी के कमजोर आंकड़ों पर यह रहे बयान
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज जारी हुए जीडीपी के आंकड़े कहीं से भी मंजूर नहीं हैं। हमें 8-9 फीसदी से बढ़ना चाहिए था। जीडीपी में पहली तिमाही के मुकाबले इस बार आधा फीसदी की ज्यादा गिरावट दूसरी तिमाही में हुई है। केवल आर्थिक नीतियों में बदलाव से इसका हल नहीं निकलेगा।