आदिवासी इलाकों में नवोदय की तर्ज पर खुलेंगे एकलव्य विद्यालय




 

केंद्र सरकार ने आदिवासियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के इरादे से आदिवासी क्षेत्रों में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूल खोलने का फैसला किया है। 50 फीसदी आदिवासी आबादी और कम से कम 20 हजार लोगों वाले इलाकों में 2022 तक ये विद्यालय खोले जाएंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।
 

आदिवासी मामलों में राज्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान सदन को बताया कि आदिवासियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सरकार ने फैसला किया है कि 2022 तक 50 फीसदी आदिवासी आबादी वाले हर एक ब्लॉक में एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोला जाएगा।

जिसमें स्थानीय कला, संस्कृति, खेल और कौशल विकास की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इन विद्यालयों के निर्माण के लिए सरकार 20 करोड़ रुपये प्रति विद्यालय अनुदान देगी। साथ ही इनमें पूर्वोत्तर, पहाड़ी और सुदूर क्षेत्र के इलाकों में स्कूल खोलने के लिए अतिरिक्त 20 फीसदी मदद दी जाएगी। मंत्री न बताया कि 2019-20 के दौरान एकलव्य विद्यालयों के लिए 765.08 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड के लिए कुल 46 एकलव्य स्कूल मंजूर किये गए हैं।