हिमाचल के धर्मशाला में तीन दिवसीय 14वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन का हुआ समापन


 तिब्बतियों के सर्वोच्च अध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने शुक्रवार अपने उत्तराधिकारी को लेकर चल रही चर्चाओं पर बयान दिया। उन्होंने कहा, "मैं 84-85 साल का हूं और बिल्कुल ठीक हूं। मेरे उत्तराधिकारी के बारे में इतनी जल्दबाजी क्यों है? दलाई लामा धर्मशाला में आयोजित तीन दिवसीय 14 वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन के समापन अवसर पर बोल रहे थे। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।


सम्मेलन में प्रस्ताव पारित किया गया कि तिब्बती बौद्ध लामा ही दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन करेंगे, चीन दखलंदाजी न करें। दलाई लामा के पुनर्जन्म का चयन तिब्बत बौद्ध धर्म की 800 साल पहले शुरू हुई पद्धति के अनुरूप किया जाता है। कार्यक्रम में तिब्बत के चारों स्कूलों के प्रमुखों सहित बॉन संपद्राय के बौद्ध लामाओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ।


इस दौरान यह भी कहा गया कि यदि राजनीतिक तौर पर चीन सरकार दलाई लामा के लिए उम्मीदवार चुनती है, तो तिब्बती उसका सम्मान नहीं करेंगे। सम्मेलन में बौद्ध लामाओं ने बौद्ध धर्म की जटिलताओं पर चर्चा कर कई अन्य प्रस्ताव भी पारित किए।


अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करें मठ: दलाई लामा
इस दौरान दलाई लामा ने कहा कि मठों को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सिर्फ मंत्र जाप पर्याप्त नहीं। ज्ञान और शिक्षा आधार होना चाहिए। दलाई लामा ने कहा जब व्यक्ति बहुत अधिक आत्म-केंद्रित होते हैं, तो वे भय, संदेह, चिंता और क्रोध से ग्रस्त होते हैं।