अफगानिस्तान में युद्धविराम की कोई योजना नहीं तालिबान


तालिबान ने सोमवार को अफगानिस्तान में किसी भी तरह के युद्धविराम पर सहमत होने से इनकार किया है। इससे पहले अफवाह चली थीं कि देश में 18 वर्षों से ज्यादा समय से चले आ रहे युद्ध में कमी आएगी। तालिबान ने कहा, कुछ मीडिया युद्ध विराम के बारे में गलत रिपोर्टिंग कर रहे हैं। तथ्य यह है कि, अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के पास युद्धविराम की कोई योजना नहीं है।
 

बता दें कि काबुल में अमेरिका और अफगान सरकार ने लंबे समय से तालिबान के साथ जारी संघर्ष विराम का आव्हान किया है। ट्रंप ने भी शांतिवार्ता रद्द करने के बाद अचानक अफगानिस्तान की यात्रा कर दोबारा वार्ता शुरू करने की अपील की और दोहा में इसे फिर शुरू कराया गया।

हालांकि, उग्रवादियों ने बार-बार कहा है कि अमेरिकी सैनिकों को सबसे पहले देश से बाहर निकलना होगा। इस बीच अफगानिस्तान में घातक मुकाबले जारी हैं जिसमें 2014 के बाद से हजारों अफगान सुरक्षा बल मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस संघर्ष में एक लाख से ज्यादा अफगान नागरिकों की मौत हुई है अथवा घायल हुए हैं।

 तालिबान हमले में मारे गए 14 सुरक्षाकर्मी


तालिबान ने सोमवार तड़के उत्तरी अफगानिस्तान में सरकार समर्थक मिलिशिया परिसर को निशाना बनाया, जिसमें अफगान सुरक्षा बलों के 14 सदस्य मारे गए। मृतकों में 13 सरकार समर्थक मिलिशिया सदस्य हैं और एक पुलिसकर्मी है। इस घटनाक्रम में पांच अन्य मिलिशिया सदस्य घायल हुए है जबकि दो लापता हैं।

तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह हमला कुछ घंटे पहले तालिबान अधिकारियों द्वारा उनके और परिषद के नेताओं के बीच अस्थायी व राष्ट्रव्यापी संघर्ष विराम पर सहमति के ठीक बाद किया गया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि संघर्ष विराम कब लागू होगा।



अफगान जेल में बंद तालिबानियों को आजादी का इंतजार



विद्रोहियों के रूप में अफगानिस्तान की जेल में बंद हजारों तालिबान कैदी संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते को अपनी आजादी के रूप में देख रहे हैं।अफगानिस्तान के 18 साल के युद्ध, वाशिंगटन के सबसे लंबे समय तक सैन्य भागीदारी के अंत को किसी भी समझौते में कैदियों की रिहाई से जोड़ा जा रहा है।

तालिबान के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कतर में फिर से हो रही चर्चा में लगभग 5,000 तालिबान कैदियों की एक सूची अमेरिका को दी गई है और उनसे उन कैदियों की रिहाई को समझौते के तहत चर्चा में लिखा गया है। अमेरिका और अफगान सरकार के अधिकारियों ने बताया कि कैदी की रिहाई बातचीत का हिस्सा है। लेकिन कुछ विश्लेषकों का कहना है कि मुक्त किए जाने वाले कैदी अफगानिस्तान में शांति को भंग कर सकते हैं।