गेहूं की जगह मिलेगा आटा हिमाचल के साढ़े पांच लाख परिवारों को


हिमाचल के साढ़े पांच लाख गरीब परिवारों को नए साल जनवरी से सस्ते राशन की सरकारी दुकानों (डिपुओं) में अब गेहूं की जगह आटा दिया जाएगा। अभी तक इन अंत्योदय उपभोक्ताओं को 2 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं मुहैया कराया जाता था। गेहूं की पिसाई के लिए प्रति किलो पांच रुपये लिए जाते हैं लेकिन इनसे सरकार सिर्फ 1.20 रुपये ही लेगी। यानी 3.20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आटा मिलेगा। सरकार अंत्योदय परिवारों को 20 किलो आटा जबकि 15 किलो चावल देगी।


 

लोगों की बार-बार मांग के चलते सरकार ने इसकी अलाटमेंट जारी कर दी है। केंद्र सरकार एपीएल और अंत्योदय परिवार को गेहूं उपलब्ध कराता है। प्रदेश सरकार अपने स्तर पर एपीएल परिवारों को आटा देने के लिए गेहूं की पिसाई कराती है जबकि अंत्योदय परिवारों को गेहूं दिया जाता है। अंत्योदय परिवार के लोग लगातार प्रदेश सरकार पर आटा देने का दबाव बना रहे थे।


जनवरी में एपीएल को 70 पैसे महंगा मिलेगा आटा



दलील थी कि पहले गेहूं की सफाई करनी पड़ती है और उसके बाद इसे पिसाई के लिए दूर जाना पड़ता है। एक किलो गेहूं पिसाने के 5 रुपये लिए जाते हैं। अब प्रदेश सरकार ने एपीएल की तर्ज पर अंत्योदय परिवारों को भी आटा देने का फैसला लिया है।  

सूबे के 12 लाख एपीएल परिवारों को जनवरी में प्रति किलो आटा 70 पैसे महंगा मिलेगा। पहले उपभोक्ताओं को 8.60 रुपये के हिसाब से आटा दिया जाता था, अब 9.30 रुपये प्रति किलो मिलेगा। प्रदेश सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

अंत्योदय परिवारों को अब गेहूं की जगह आटा दिया जाएगा। जनवरी से आटा मिलना शुरू हो जाएगा। लोगों की बार-बार मांग के चलते यह फैसला लिया गया है।