हाथ जोड़कर नमन किया और चेहरा देखे बिना शहीद बेटे को दे दी अंतिम विदाई


जिस मां ने जन्म दिया, जिस पिता ने गोद में खिलाया, वही आखिरी बार बेटे का चेहरा तक न देख सके। देखिए, देश के लिए अपनी जान देने वाले एक शहीद की अंतिम विदाई।



जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में सीमा पर पाकिस्तान की गोलाबारी में शहीद हुए सुखविंदर सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर तिरंगे में लिपटा उनके पैतृक गांव फतेहपुर पहुंचा। इस दौरान वहां मौजूद लोगों भारत माता की जय और शहीद सुखविंदर सिंह अमर रहे के नारे लगाए।



किसी को शहीद सुखविंदर का चेहरा नहीं दिखाया गया। सुखविंदर की मां रानी देवी और भाई गुरपाल सिंह शहीद जवान का चेहरा दिखाने को कहते रहे, लेकिन अधिकारियों ने ये कहते हुए मना कर दिया कि पाकिस्तानी गोलाबारी में सुखविंदर का चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, इसलिए दिखा नहीं सकते। यह सुनकर मां की चींख निकल गई, लेकिन खुद को संभालते हुए उन्होंने बेटे को सैल्यूट किया।



मां को उनके बेटे की शहादत के बारे में बुधवार सुबह ही बताया गया था। दोपहर करीब तीन बजे शहीद सुखविंदर सिंह का अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सेना की टुकड़ी ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। युवाओं ने हाथ में तिरंगा व शहीद सुखविंदर सिंह की फोटो के पोस्टर पकड़कर अंतिम विदाई दी। शहीद की चिता को मुखाग्नि उनके बड़े भाई गुरपाल सिंह ने दी।



21 वर्षीय राइफलमैन सुखविंदर के पिता पिता अविनाश सिंह पंजाब राज्य बिजली बोर्ड में एएलएल के पद पर आसीन थे। उनकी भी 2007 में मौत हो चुकी है। सुखविंदर सिंह 2017 में सेना में भर्ती हुआ था। अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के बाद 22 नवंबर को ही सुखविंदर 15 दिन की छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटा था।