इंटरनेट शटडाउन के मामले भारत में दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा


इंटरनेट शटडाउन के मामले भारत में दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है। देश में इस साल 19 दिसंबर को 95वीं बार इंटरनेट शटडाउन हुआ। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन होने के बाद हाल ही में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में इंटरनेट शटडाउन किया गया है। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस समेत दो थिंक टैंक की संयुक्त रिपोर्ट बताती है कि 2012 से अब तक सरकार ने देश में 367 बार इंटरनेट बंद किया। 2018 में दुनिया में होने वाले कुल इंटरनेट शटडाउन में से 67 फीसदी (134 बार) भारत में हुए। वहीं 2018 में पाकिस्तान में सिर्फ 12 बार इंटरनेट शटडाउन रहा।


जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा शटडाउन
2012 से अब तक इंटरनेट शटडाउन के सबसे ज्यादा मामले कश्मीर रहे। इस दौरान के कुल 367 शटडाउन में से 180 सिर्फ कश्मीर में हुए। इसके बाद राजस्थान में 67 बार, उत्तर प्रदेश में 20 बार, हरियाणा में 13 बार और बिहार और गुजरात में 11-11 बार इंटरनेट बंद रहा है।



2012-17 के दौरान 16 हजार घंटों से ज्यादा नेट रहा बंद
जनवरी, 2012 और जनवरी, 2019 के बीच 60 शटडाउन ऐसे रहे जो 24 घंटे से कम समय के लिए किए गए थे। 55 शटडाउन 24 से लेकर 72 घंटों तक लागू रहे और 39 शटडाउन 72 घंटों से ज्यादा के रहे। 2012 से 201 के बीच 16 हजार घंटों से ज्यादा समय के लिए इंटरनेट बंद रहा। अब तक का सबसे लंबा शटडाउन कश्मीर में चल रहा है। यहां पर 5 अगस्त, 2019 से इंटरनेट शटडाउन है। इसे अब तक 136 दिन हो चुके हैं।



21 हजार करोड़ रुपए का हुआ नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक देश के सभी राज्यों में वर्ष 2012 से 2017 के बीच इंटरनेट बंद होने से 3 अरब डॉलर (तकरीबन 21 हजार करोड़ रुपए) का आर्थिक नुकसान हुआ है। राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा नुकसान गुजरात को 117.75 लाख डॉलर का हुआ। जम्मू-कश्मीर में 61.02 लाख डॉलर, राजस्थान में 18.29 लाख डॉलर, उत्तर प्रदेश में 5.3 लाख डॉलर, हरियाणा में 42.92 लाख डॉलर, बिहार में 5.19 लाख डॉलर का नुकसान हुआ।


किस साल में भारत में कितनी बार हुआ इंटरनेट शटडाउन?









































सालइंटरनेट शटडाउन
20123
20135
20146
201514
201631
201779
2018134
201995 (19 दिसंबर तक)

क्या होता है इंटरनेट शटडाउन?


इंटरनेट शटडाउन का मतलब एक ही जगह पर इन्टरनेट का बंद हो जाना या एक ही लोकेशन पर इंटरनेट को बंद कर देना। इसका उपयोग आमतौर पर दंगों के समय किया जाता है ताकि लोग इंटरनेट के जरिए गलत सामग्री न फैलास सकें।