कम हुई रिलायंस जियो फाइबर की स्पीड


टेलिकॉम सेक्टर की तरह ब्रॉडबैंड सेक्टर में भी कॉम्पिटिशन काफी बढ़ गया है। इसी का नतीजा है कि अब इसमें भी बदलाव देखने को मिल रहा है और Reliance JioFiber ने इसकी शुरुआत कर दी है। टेलिकॉम टॉक की रिपोर्ट के अनुसार कुछ यूजर्स ने ट्विटर पर कहा है कि जियो फाइबर कनेक्शन के साथ मिलने वाली इंटरनेट स्पीड पर अब कैपिंग लगा दी गई है। ट्विटर पर यूजर्स ने कहा कि जियो फाइबर में मिलने वाली अपलोड स्पीड की लिमिट अब तय कर दी गई है। पहले भी अपलोड स्पीड कनेक्शन के साथ मिलने वाली डाउनलोड स्पीड से कम थी। हालांकि, अब यूजर्स को इसमें काफी ज्यादा फर्क महसूस हो रहा है।


90% तक घटी स्पीड

ट्विटर पर यूजर्स ने लिखा कि अब जियो फाइबर कनेक्शन के साथ मिलने वाली अपलोड स्पीड ऑरिजनल स्पीड की तुलना में केवल 10% ही रह गई है। आसान भाषा में समझे तो अब 100Mbps स्पीड वाला प्लान लेने वाले यूजर्स को 10Mbps की स्पीड ही मिल रही है।

अपलोड स्पीड पर कैपिंग का असर
यहां इस बात को समझना बहुत जरूरी है कि जब भी कोई इंटरनेट प्रोवाइडर यूजर को इंटरनेट कनेक्शन ऑफर करता है, उस वक्त डाउनलोड और अपलोड स्पीड एक होती है। ऐसे में अगर किसी यूजर ने 100Mbps की स्पीड वाला डेटा प्लान लिया है तो उसे डाउनलोड और अपलोड के लिए 100Mbps की स्पीड ही मिलेगी। वहीं, अगर ट्विटर यूजर्स की मानें तो रिलायंस जियो फाइबर में हुए इस बदलाव से उन्हें कॉन्टेंट अपलोड या डाउनलोड करने में काफी फर्क देखने को मिल रहा है। ट्विटर यूजर्स की बातों पर अगर विश्वास किया जाए तो अब जियो फाइबर के 1Gbps प्लान वाले सब्सक्राइबर्स को 100Mbps की अपलोड स्पीड ही मिल रही है।

जो यूजर घर में लगे जियो फाइबर कनेक्शन का इस्तेमाल ऑनलाइन मल्टिप्लेयर गेम खेलने के लिए करते हैं उन्हें अपलोड स्पीड के कम होने से काफी निराशा होगी। वहीं, इससे उन यूजर्स को भी काफी परेशानी होगी जिन्हें इंटरनेट पर कॉन्टेंट अपलोड करने की जरूरत पड़ती है।

जियो फाइबर अब यूजर्स से ले रहा पैसे
रिलायंस जियो फाइबर ने कुछ दिन पहले यूजर्स से पैसे लेने की शुरुआत कर दी है। इसमें नए यूजर्स के साथ वे यूजर भी शामिल हैं जिन्हें कंपनी प्रिव्यू ऑफर के तहत जियो फाइबर की फ्री सर्विस दे रही थी। फ्री सर्विस देने का कारण कंपनी ने बिलिंग सिस्टम का न तैयार होना बताया था। अब यह सिस्टम तैयार हो गया है और यूजर्स को जियो फाइबर सर्विस के लिए पैसे देने पड़ रहे हैं।