महाराष्ट्र में 36 मंत्री आज ले सकते हैं शपथ


महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने वाले हैं. सोमवार को 36 नए मंत्रियों को उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. इसके साथ ही उद्धव मंत्रिमंडल में कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या 12 हो जाएगी, जबकि एनसीपी के मंत्रियों की संख्या 16 और मुख्यमंत्री समेत शिवसेना के मंत्रियों की संख्या 15 हो जाएगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. इससे पहले भी वह कुछ घंटों के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं.


वर्तमान में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अलावा शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के दो-दो मंत्री शामिल हैं. कांग्रेस के 12 में से 10 कैबिनेट मंत्री होंगे और 2 राज्यमंत्री होंगे, जबकि एनसीपी के 16 मंत्रियों में से 12 कैबिनेट मंत्री होंगे और 4 राज्यमंत्री होंगे. इसके अलावा शिवसेना के 15 मंत्रियों में से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, 11 कैबिनेट मंत्री और 3 राज्यमंत्री होंगे.


एनसीपी के ये नेता बन सकत हैं मंत्री


उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में एनसीपी कोटे से जिनको मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें नवाब मलिक, जितेंद्र अवध, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुशरीफ, बाबासाहेब पाटिल, राजेंद्र सिंगले, धनंजय मुंडे और अनिल देशमुख शामिल हैं.


 


कांग्रेस कोटे से इनको बनाया जा सकता है मंत्री


कांग्रेस कोटे से अशोक चव्हाण, सतीश पाटिल, यशोमती ठाकुर, विजय वाडेत्तिवर, अमित देशमुख, वर्षा गायकवाड़, असलम शेख, सुनील केदार और के. सी. पडवी को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है.


शिवसेना से किनको मिल सकता है मौका


इसके अलावा शिवसेना से तानाजी सावंत, गुलाबराव पाटिल, संजय राठौर और रविंद्र वायकर को मंत्री पद मिल सकता है.


महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अभी सीएम समेत कुल 7 मंत्री


इससे पहले महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर सूबे में सरकार बनाई है. उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उद्धव ठाकरे के साथ जयंत पाटिल, छगन भुजबल, एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, बालासाहेब थोराट और नितिन राउत ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी.


शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था. शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत भी मिला था, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच टकराव पैदा हो गया था. इसके बाद बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता अजित पवार के साथ मिलकर सूबे में सरकार बना ली थी. देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तो अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.


इसके बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और फौरन फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फौरन फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाने पर देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.