नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शुक्रवार को कई शहरों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ। बीते हफ्ते कई शहरों में हुई हिंसा को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे और कई शहरों में इंटरनेट सेवा निलंबित थी। ज्यादातर जगहों पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और कानून के खिलाफ नारेबाजी की। यूपी भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लिया गया। जामिया समन्वय समिति के ये लोग यूपी में प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कथित ज्यादती का विरोध करने जुटे थे।
एहतियातन लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन बंद करना पड़ा। उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। पीएम आवास की ओर जा रहे भीम आर्मी के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया। राजस्थान के अजमेर शहर में दरगाह के खादिम समेत सैकड़ों मुस्लिमों ने मार्च निकाला और दरगाह के दीवान जैनुल अबेदिन अली खान का पुतला जलाया।
लोगों ने सरकार से कानून वापस लेने की मांग की। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे चार लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। ये लोग बिना अनुमति के एकत्र हुए पुतला जलाया। कोलकाता में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा समेत वरिष्ठ वाम नेताओं ने विरोध में मार्च निकाला और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में इंटरनेट बंद
यंगिस्तान मैदान में डटा रहेगा: प्रियंका
प्रियंका ने ट्वीट कर युवाओं से कहा है कि क्रोनोलॉजी समझिए आप। पहले वो आपसे दो करोड़ नौकरियों का वादा करेंगे, फिर वो सरकार बनाएंगे। फिर वो आपकी यूनिवर्सिटी बर्बाद करेंगे, फिर वो देश का संविधान बर्बाद करेंगे। फिर आप प्रोटेस्ट करेंगे, फिर वो आपको फूल बोलेंगे, लेकिन यंगिस्तान मैदान में डटा रहेगा।
मुंबई में विरोध और समर्थन में प्रदर्शन
हैदराबाद में भाजपा विधायक को रैली की अनुमति नहीं
इस्राइल में छात्रों ने किया विरोध
नागरिकता कानून मानवीय : अमेरिकी बांग्लादेशी संगठन
अमेरिकी थिंक टैंक ने जताई चिंता
अमेरिकी कांग्रेस की एक रिसर्च यूनिट और अमेरिकी थिंक टैंक कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार की एनआरसी की योजना को सीएए के साथ लाने से भारत के लगभग 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यकों का दर्जा प्रभावित हो सकता है।
इंडियन टेकीज नागरिकता कानून के खिलाफ
गूगल, उबर, अमेजन और फेसबुक जैसी कंपनियों में काम करने वाले भारतीय और भारतीय मूल के पेशेवरों ने खुला खत लिखकर आरोप लगाया है कि नागरिकता कानून और एनआरसी फासीवादी है। इन लोगों ने सुंदर पिचाई, मुकेश अंबानी और सत्या नाडेला को खत लिखकर अनुरोध किया है कि वे भारत सरकार के इस फासीवादी कदम को सार्वजनिक तौर पर इसे नकारें। इस खत को टेकअगेंस्टफासिज्म नाम दिया गया है।
मेरे जिंदा रहते बंगाल में सीएए नहीं : ममता
छात्र इस काले कानून का विरोध क्यों नहीं कर सकते? केंद्र सरकार प्रदर्शकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर रही है। जब तक मैं जिंदा हूं बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून नहीं लागू होगा।
- ममता बनर्जी, सीएम, पश्चिम बंगाल
हिंसा से दूर रहें : अक्षय
राजनीतिक विचारधारा कोई भी हो सार्वजनिक संपत्ति नष्ट नहीं होनी चाहिए। जो कहना चाहते हैं वह सकारात्मक ढंग से कहें। एक दूसरे से बातचीत करें, हिंसा में शामिल न हों।