आइशी घोष ने कश्मीर पर दिया था विवादित बयान,अशोक पंडित ने लगाई लताड़,


जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने बुधवार को जामिया मिल्लिया में कश्मीर पर विवादित बयान दिया। सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए आइशी ने कहा कि कश्मीर को भूलकर हम अपना आंदोलन नहीं जीत सकते। संविधान के साथ छेड़छाड़ की शुरूआत कश्मीर से ही शुरू हुई। ये कश्मीर के हक की लड़ाई है। हम इससे पीछे नहीं हट सकते हैं। वहां जो लोगों के साथ हो रहा है। वह गलत हो रहा है। हर मंच से हम उनके हक की बात करेंगे। आइशी के इस बयान पर फिल्म निर्देशक अशोक पंडित भड़क गए। उन्होंने कहा कि ये लोग आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं।


अशोक पंडित कश्मीर मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। आइशी घोष के विवादित बयान के बाद अशोक पंडित ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'तो साफ है इनका समर्थन आतंकियों और आतंकवाद के लिए है। सीएए और एनआरसी का प्रदर्शन तो बहाना है। कश्मीर में और पूरे देश में अराजकता फैलाना ही इनका धर्म और मकसद है। पैसे भी इसी काम के लिए मिलते हैं ना।'


जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बुधवार को चलो जामिया नाम से छात्रों को बुलाने का आह्वान किया गया था। आइशी घोष यहां हिस्सा लेने पहुंचीं थीं। आइशी ने कहा कि जितना यह देश नेहरू और गांधी का है, उतना ती यह देश मौलाना अबुल कलाम आजाद अशफाक उल्लाह खान का भी है। हमें सावरकर और गोलवरकर का इतिहास नहीं पढ़ना है, इन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। हमें राम प्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह और अशफाक उल्लाह खान जैसे लोगों का इतिहास को पढ़ना है। 


आइशी ने जेएनयू कैंपस में हुए बवाल के मामले में कहा कि वह पिछले 70 दिनों से शांति पूर्वक कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन कुछ गुंडों ने हॉस्टल और कैंपस में घुसकर पुलिस की मिली भगत से लेफ्ट छात्रों को चुनचुनकर पीटा। कुछ को तो बालकनी से फेंक तक दिया गया। पुलिस के खिलाफ भी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। आइशी ने कहा कि वह अपनी लड़ाई लगातार जारी रखेंगे। वह जामिया और एएमयू के साथ हैं।