बारिश की फुहारों से फिर लौटी ठंड, नैनीताल में हुई बर्फबारी


 

बृहस्पतिवार रात गरज चमक के साथ पड़ी बारिश की फुहारों ने मौसम में एक बार फिर ठंड बढ़ा दी। इससे न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। वहीं, शुक्रवार को हल्के बादल छाए रहने और तेज आंधी चलने की संभावना जताई गई है। मसूरी में भी रात से शुरू हुई बारिश सुबह तक रुक-रुक कर होती रही।
 

नैनीताल में बृहस्पतिवार रात करीब एक बजे से बारिश जारी है। नैनीताल शहर और ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई है। हालांकि बारिश के कारण शहर में बर्फ रुक नहीं पाई। चौखुटिया, लोहाघाट, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, काशीपुर, रुद्रपुर, बाजपुर, बागेश्वर, जसपुर, भीमताल, किच्छा, रानीखेत, मुनस्यारी, पंतनगर, रामनगर सहित कुमाऊं के लगभग सभी इलाकों में रात से ही रुक-रुक का बारिश जारी है।

गढ़वाल में श्रीनगर, चमोली, रुद्रप्रयाग, यमुनोत्रीधाम सहित यमुना घाटी, उत्तरकाशी, नई टिहरी और आसपास के क्षेत्रों में रात से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। चमोली और रुद्रप्रयाग की ऊंची चोटियों में बर्फबारी की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक, देहरादून समेत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आज हल्के बादल छाए रह सकते हैं। कुछ इलाकों में तेज आंधी चलने का भी अनुमान है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, अगले कुछ दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहने का अनुमान है।

देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में आज भी 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में ओले गिरने का अनुमान है। मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले दो-तीन दिन कई स्थानों पर बादल छाए रहेंगे। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। 


बदलता मौसम बढ़ा रहा आंखों की पीड़ा



मौसम कभी सर्द तो कभी अचानक गर्म हो रहा है। ऐसे मौसम में आंख में विभिन्न तरह की दिक्कतें होने का डर रहता है। ऐसे में डॉक्टर आंख जैसे संवेदनशील अंग का खास ख्याल रखने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।

नेहरू कॉलोनी, हरिद्वार रोड स्थित नवज्योति आई क्लीनिक के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद अरोड़ा ने बताया कि आजकल आंखों में एलर्जी, आंखों के लाल होने, पानी निकलने और चुभन होने के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इसके अलावा आजकल आंखों में खुश्की (ड्राइनस) की समस्या भी रहती है।

खासकर जो लोग वाहन चलाते वक्त चश्मा या कवर्ड हेलमेट नहीं पहनते हैं, उन्हें यह दिक्कत ज्यादा होती है। कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने वालों की आंखों में भी ड्राइनेस की दिक्कत हो जाती है। इसी तरह आंख दुखने या आंख आने की समस्या (इंफेक्शन) की संभावना भी रहती है। आंख से चिपचिपा पदार्थ आना, लाली रहना और पानी आना इसके लक्षण हैं।

 




ऐसे करें बचाव



- प्रदूषण से बचने के लिए चश्मा जरूर पहनें।
- नार्मल पानी से आंखों को बीच-बीच में धोते रहें।
- दोपहिया वाहन चलाते समय चश्मा या कवर्ड हेलमेट पहनें।
- बंद चार पहिया वाहन में एसी की हवा सीधे आंखों पर न पड़े।
- ड्रायनेस की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से अच्छे ल्यूब्रिकेंट्स (आई ड्रॉप) का इस्तेमाल करें।
- आंख आना फैलने वाली बीमारी है। यह किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से हो जाती है। इसलिए अगर घर में किसी को यह दिक्कत हो तो उनका तौलिया, रुमाल आदि बिना धुले इस्तेमाल न करें। 
- आंख में कोई भी ड्राप बिना विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह के न डालें और न ही कोई दवा लें। किसी भी तरह दिक्कत होने पर तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं।



बृहस्पतिवार रात गरज चमक के साथ पड़ी बारिश की फुहारों ने मौसम में एक बार फिर ठंड बढ़ा दी। इससे न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। वहीं, शुक्रवार को हल्के बादल छाए रहने और तेज आंधी चलने की संभावना जताई गई है। मसूरी में भी रात से शुरू हुई बारिश सुबह तक रुक-रुक कर होती रही।