BJP बना रही सरकार ,एग्जिट पोल तीन बजे तक की वोटिंग के आधार पर -मनोज तिवारी


दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत के संकेत मिल रहे हैं. वहीं मतदान के बाद AAP ईवीएम को लेकर भी सवाल खड़े कर रही है. इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं का कहना है कि AAP को ईवीएम पर भरोसा नहीं है. इसके साथ ही मनोज तिवारी दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं.


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि उन्हें ईवीएम पर पूरा भरोसा है. दिल्ली में बीजेपी 48 सीटों पर जीत के साथ सरकार बनाने जा रही है. वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि आम आदमी पार्टी EVM पर सवाल उठाकर दिल्ली की जनता का अपमान कर रही हैं.


मनोज तिवारी का कहना है, 'AAP वाले क्यों परेशान हो रहे हैं, उनको तो एग्जिट पोल 44 सीटें दे रहा है, फिर भी उनकी सांस उल्टी चल रही हैं. अभी से इनको EVM को दोष देने की बेचैनी बनी हुई है. ये एग्जिट पोल तीन बजे तक का है, उसके बाद 7-7:30 बजे तक वोटिंग हुई. बीजेपी 48+ सीट के साथ सरकार बनाने जा रही है.'


उन्होंने कहा, 'हम तो यही बोल रहे हैं कि EVM का रोना क्यों रो रहे हो. मतलब AAP अगर जीत गई तो EVM ठीक है और अगर बीजेपी जीत गई तो EVM खराब है. झारखंड में हम नहीं जीत पाए तो हमने EVM को दोष दिया है क्या? अपने कर्मों को दोष दो.'



मनोज तिवारी के अलावा भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने भी ट्वीट कर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के खाते में 50 सीटों के आने की बात कही है. हालांकि भाजपा के नेता कुछ भी कहें लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में पिछली बार के मुकाबले कम मतदान हुआ है और मतदाताओं की उदासीनता से राजनीतिक पार्टियां खासा परेशान हैं. विशेषकर मतदान का कम प्रतिशत भाजपा के लिए चिंता का सबब बन गया है.


शायद यही वजह है कि दिल्ली चुनाव नतीजों से पहले शनिवार देर रात तक भाजपा के दिल्ली दफ्तर में बैठक चलती रही. बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, दिल्ली के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, प्रभारी नित्यानंद राय और कई नेता मौजूद थे. बैठक में दिल्ली की हर एक सीट की समीक्षा की गई.


AAP की सरकार बनने के संकेत


दिल्ली में चुनाव खत्म होने के बाद सभी एग्जिट पोल में जहां आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का दावा किया गया है, वही भाजपा नेता इसे लेकर पशोपेश में हैं. रविवार तड़के तीन बजे तक चली बैठक में कम मतदान पर भी चर्चा हुई.


पार्टी के कई नेताओं को लग रहा है कि मतदान में गिरावट की वजह मध्यम वर्ग की उदासीनता है. पार्टी को लगता है कि उसे इसका सीधा नुकसान होगा. क्योंकि मध्यमवर्ग भारतीय जनता पार्टी का कैडर रहा है. पिछले चुनाव में भाजपा को 33 फीसदी वोट मिले थे.


पार्टी नेता मान रहे हैं कि शनिवार को लोगों को घरों से निकालकर बूथों पर लाने में बहुत परेशानी हुई. पहले ही बूथ कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने के लिए निर्देश दिए गए थे और सांसदों को उनके काम करने पर ध्यान रखने की हिदायत दी गई थी. बावजूद इसके पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 5 फीसदी कम मतदान हुआ है.