दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में आधी रात को सुनवाई ,घायलों को बड़े अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश


नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में आधी रात को सुनवाई हुई। जस्टिस एस. मुरलीधर के घर पर मंगलवार देर रात हुई। 


हाई कोर्ट ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा में घायलों को बड़े सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने और एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता देने के निर्देश दिए। मामले में जस्टिस मुरलीधर ने डीसीपी से फोन पर बात की और दिशा-निर्देश दिए। 

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की। आज दोपहर 2.15 फिर से मामले की सुनवाई होगी। जस्टिस एस. मुरलीधर ने कहा कि मामला काफी गंभीर है, घायलों को इलाज नहीं मिल रहा है। इसको देखते हुए आधी रात में सुनवाई करनी पड़ रही है। 

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में मंगलवार को फिर हिंसा भड़क गई, जहां उपद्रवियों ने पथराव किया, दुकानों में तोड़फोड़, फायरिंग और आगजनी की। 



 


कई इलाकों में हालात बेकाबू हो गए, जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया। हिंसा में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 186 लोग घायल हैं। गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था का जिम्मा सीआरपीएफ के डीजी ट्रेनिंग एसएन श्रीवास्तव को सौंप दिया है। उन्हें दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) बनाया गया है। वहीं, गाजियाबाद से लगी सीमा सील कर दी गई है।

सबसे ज्यादा हिंसा मौजपुर और कर्दमपुरी में हुई। यहां सीएए के विरोधी और समर्थक खुलेआम फायरिंग करते रहे। पुलिस के मुताबिक, दोनों ओर से एक हजार से ज्यादा गोलियां चलीं। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले दागे। 

दोपहर तक मौजपुर और कर्दमपुरी, सुदामापुरी में रुक-रुककर फायरिंग हुई। करावल नगर मेन रोड पर उपद्रवियों ने दुकानों व मकानों में आग लगाई और लूटपाट की। यही हाल मौजपुर, नूरे इलाही में भी रहा। लोगों ने एक-दूसरे के समुदायों की दुकानों को निशाना बनाकर आग के हवाले किया। 



 


घोंडा चौक पर एक मिनी बस सहित कई ई-रिक्शा, बाइक व अन्य वाहनों को जला दिया गया। उपद्रवियों ने उत्तर पूर्वी जिले में 100 से अधिक दुकानों में लूटपाट और आगजनी की। देर शाम, चांद बाग और भजनपुरा में कई दुकानों में आग लगा दी। 

दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा, घायलों में दो आईपीएस समेत 56 पुलिसकर्मी भी हैं। पुलिस ने अब तक 11 एफआईआर दर्ज की हैं। उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस बीच, गुरु तेग बहादुर अस्पताल ने 17 लोगों की मौत की पुष्टि की है।

नहीं जाने दी एंबुलेंस, बाइक वैन से ले जाए गए घायल
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में उपद्रवियों ने एंबुलेंस को नहीं जाने दिया। पुलिस ने हिंसक झड़पों में घायल लोगों को बाइकों और वैन में लादकर किसी तरह से अस्पताल पहुंचाया। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस और अन्य वाहनों को हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने से रोकना शुरू कर दिया। 

खजूरी खास चौक पर दो गुटों के बीच पथराव चल रहा था। यहां उपद्रवियों को तितर-बितर करने के दौरान कांस्टेबल अमित कुमार बुरी तरह से जख्मी हो गए। उनके दाहिने हाथ पर गंभीर चोटें हैं। गंभीर हालत में उन्हें बाइक पर लादकर पास के जगप्रवेश चंद्र अस्पताल ले जाया गया। 
 



अमित कुमार ने बताया कि पीछे से उनके हाथ पर अचानक हमला हुआ। उनके हांथ से जो टकराया, वह पत्थर था या कुछ और, वह समझ नहीं पाए।
दूसरी ओर, खुरेजी खास इलाके में ही झड़प के दौरान गंभीर घायल कैफ (32) को पुलिस ने एक वैन से ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया। 

कैफ अपना ऑटो रिक्शा पार्क कर रहा था, तभी 25-30 लोगों की भीड़ ने उस पर पथराव किया। कैफ के चेहरे और सिर के बायीं ओर गहरी चोट है। उधर, गोली से घायल एक अन्य व्यक्ति को दो लोगों ने बाइक से गुरु तेग बहादुर अस्पताल पहुंचाया।