मॉनसून के मेहरबान रहने से इस साल गेहूं, धान के साथ कुल अनाज उत्पादन का बनेगा रिकॉर्ड


मॉनसून के मेहरबान रहने से भारत इस साल गेहूं, धान, चना समेत खाद्यान्न के कुल उत्पादन में फिर नया रिकॉर्ड बना सकता है. बीते मॉनसून सीजन के दौरान औसत से 10 फीसदी अधिक बारिश हुई जिससे खरीफ समेत रबी फसलों की बंपर पैदावार की आस जगा दी है.  


केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में इस साल करीब 29.19 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 67.4 लाख टन अधिक है. 


न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, फसल वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न का उत्पादन 28.52 करोड़ टन था. बीते पांच साल (2013-14 से लेकर 2018-19) के खाद्यान्नों के औसत उत्पादन की तुलना में इस साल देश में खाद्यान्न का उत्पादन 2.62 करोड़ टन ज्यादा होने का अनुमान है.


 


दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, धान का उत्पादन 2019-20 में रिकॉर्ड 11.74 करोड़ टन होने की उम्मीद है, जोकि पिछले साल से 96.7 लाख टन अधिक है. वहीं, गेहूं का उत्पादन इस साल रिकॉर्ड 10.62 करोड़ टन होने की उम्मीद है, जोकि पिछले साल से 26.1 लाख टन अधिक है. गेहूं का उत्पादन पिछले पांच साल के औसत 9.46 करोड़ टन से इस साल 1.16 करोड़ टन अधिक होने वाला है.


कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2019-20 में दलहन फसलों का कुल उत्पादन 230.2 लाख टन होने का अनुमान है. दलहनों में चना का उत्पादन भी रिकॉर्ड 112.2 लाख टन होने का अनुमान है, जोकि पिछले साल से 12.8 लाख टन अधिक है.


तुअर का उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक है. दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के आंकड़ों के अनुसार, इस साल तुअर का उत्पादन 36.9 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले देश में तुअर का उत्पादन 33.2 लाख टन हुआ था.  मोटे अनाजों का कुल उत्पादन इस साल 452.4 लाख टन होने का अनुमान है, जोकि पिछले साल से 21.8 लाख टन अधिक है. पिछले साल 2018-19 में मोटे अनाजों का कुल उत्पादन 430.6 लाख टन था.


खाद्यान्नों अलावा अन्य नकदी फसलों का भी इस साल बंफर उत्पादन रहने का अनुमान है. तिलहल फसलों में नौ तिलहनों का कुल उत्पादन 341.88 लाख टन रहने का आकलन किया गया है, जोकि अब तक का सबसे ज्यादा उत्पादन है. तिलहन फसलों के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 26.7 लाख टन का इजाफा होगा.