नवजात बच्ची की हत्या के मामले में पुलिस ने मां को गिरफ्तार किया


एक दिन की नवजात बच्ची के सीने में हंसिया घोंपकर हत्या के मामले में मोहन बडोदिया पुलिस ने मां मंजूबाई को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस हिरासत में आते ही मंजूबाई ने पूरी घटना के राज खोल दिए। बोली- मुझे बेटा चाहिए था, इसलिए बेटी को काट दिया। मंजूबाई के अनुसार उसे बेटी होने का इतना तनाव था कि वह निर्दयी बन गई। पहले तीन से चार बार गर्दन पर काटने के बाद जब मासूम तड़पने लगी तो उसने दरांती सीने और पेट में ही घुसा दी। घर पहुंची आरोपी महिला की मौसी और अन्य पड़ोसियों ने यह नजारा देखा तो बच्ची को छुड़ाकर अस्पताल ले आए, लेकिन मासूम जिंदगी की जंग हार गई। मामले में पुलिस ने धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर मंजूबाई को गिरफ्तार कर लिया।



रविवार को घटना का खुलासा करते हुए थाना प्रभारी उदयसिंह अलावा ने बताया कि बच्ची के साथ हुई दर्दनाक हरकत का मामला सामने आते ही एसपी पंकज श्रीवास्तव और एएसपी आरएस प्रजापति व एसडीओपी एके उपाध्याय के निर्देश पर टीम बनाकर जांच शुरू की गई। शुरूआती जांच में ही यह तथ्य सामने आया कि बच्ची के शरीर पर हुए हमले की घटना खोरियाएमा में हुई है। इसके बाद से ही लगातार पड़ताल की गई, इंदौर से मासूम बच्ची का शव लाने को लेकर भी आरोपी महिला और भाई पर भी शंका की सुई घूम गई। इस पर जब आरोपी मां मंजूबाई से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना अपराध कबूल लिया। मामले में पुलिस ने धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर मंजूबाई को गिरफ्तार कर लिया।


मासूम के पेट और गर्दन पर भी वार किए थे


आरोपी मंजू ने नवजात बच्ची को जन्म दिया। 13 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी कराने के बाद घर पहुंचते ही फूल-सी बच्ची के सीने में हंसिया घोंप दिया था। इसके बाद पेट और गर्दन पर भी वार कर किए। मासूम की चीखें सुनकर पड़ोसी आ गए। इसके बाद ही उसने वार करना बंद किया। मंजू ने यह सब बेटा नहीं होने के गुस्से में किया। मंजू के परिजन बेटी को जिंदा देख उसे शाजापुर जिला अस्पताल ले गए। शुरुआती इलाज के बाद डॉक्टरों ने नवजात को इंदौर के एमवाय अस्पताल भेज दिया। यहां मासूम ने इलाज के दौरान 14 फरवरी को दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक, यहां परिजन ने डॉक्टरों के सामने डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग की झूठी कहानी डॉक्टरों को बताई थी