साबरमती आश्रम में ट्रंप और उनकी पत्नी ने चलाया चरखा, मोदी को बताया अच्छा दोस्त


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुशनेर के साथ अहमदाबाद पहुंच चुके हैं। अहमदाबाद में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 22 किलोमीटर लंबे रोड शो के दौरान ट्रंप पत्नी मेलानिया के साथ साबरमती आश्रम पहुंचे। यहां आने पर परंपरा के मुताबिक आगंतुक पुस्तिका (विजिटर बुक) में अपना संदेश लिखा। इस संदेश में ट्रंप ने लिखा, 'मेरे अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस शानदार यात्रा के लिए आपको धन्यवाद।' 


ट्रंप ने चलाया चरखा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ने साबरमती आश्रम में चरखा भी चलाया। आश्रम के स्टाफ से ट्रंप ने सूत कातने की बारीकियां समझीं। साबरमती आश्रम पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को आश्रम का भ्रमण कराया। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को आश्रम में महात्मा गांधी और आत्मनिर्भरता में चरखा के महत्व के बारे में बताया गया। दोनों वहां करीब 15 मिनट तक रूके।

पीएम ने तीन बंदरों का संदेश देने वाली प्रतिकृति भेंट की
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को गांधीजी के तीन बंदरों का संदेश देने वाली प्रतिकृति भी भेंट की। पीएम मोदी ने उन्हें गांधी आश्रम की हर चीज से उन्हें अवगत कराया। इस दौरान आश्रम में बापू के संदेश के रूप में मौजूद तीन बंदरों की प्रतिमा के बारे में भी ट्रंप और उनकी पत्नी को समझाया। दरअसल ये तीन बंदर बापू के संदेश को दर्शाते हैं, बापू ने इन तीन बंदरों के जरिए संदेश दिया था कि बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो और बुरा मत सुनो। दोनों नेताओं ने आश्रम में स्थित महात्मा गांधी के चित्र पर सूत की माला भी पहनाई।


इस आश्रम में महात्मा गांधी 1917 से 1930 तक स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान रहे थे। अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आरंभ हुए रोड शो के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी का काफिला आगे बढ़ा। ट्रंप दंपत्ति राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल साबरमती आश्रम पहुंचे । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही साबरमती आश्रम पहुंच गए थे ।

पीएम मोदी ने 'हृदय कुंज' भी दिखाया
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को आश्रम का भ्रमण कराया। मोदी ने ट्रंप और उनकी पत्नी को ‘हृदय कुंज’ भी दिखाया जहां गांधीजी और उनकी पत्नी कस्तूरबा रहती थीं। इस आश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अपने जीवन के 13 साल बिताए थे।