103 साल की मान कौर को राष्ट्रपति ने दिया सम्मान मिला 'नारी शक्ति' अवॉर्ड


एथलेटिक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मान कौर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपये की राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। मान कौर का पूरा परिवार इस समारोह का साक्षी बना।नारी शक्ति पुरस्कार महिलाओं को दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। मान कौर को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से इस संबंध में पत्र मिला था। पुरस्कार के तहत उन्हें दो लाख रुपए और प्रमाणपत्र दिया गया। कौर ने 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया था। मान कौर पिंकाथॉन की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मान कौर प्रशंसक कर चुके हैं।मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के मौके पर ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ के समय मान कौर को पीएम ने बधाई दी थी। इनके लिए उम्र महज एक अंक है। चुस्ती और फुर्ती ऐसी कि युवा भी इनके आगे गच्चा खा जाए। बेशक ये उम्र का शतक ठोककर 103 साल में प्रवेश कर चुकी हैं, लेकिन इनके जोश में कोई कमी नहीं आई है और सभी लोग उसके कायल हैं।अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इनकी चुस्ती-फुर्ती और ऊर्जा को देखकर दंग रह गए। मान कौर पंजाब के पटियाला की मूल निवासी हैं और सिटी ब्यूटीफुल में रहती हैं। वह इस उम्र में भी एथलेटिक्स में पदक जीतकर भारत का नाम दुनिया में रोशन कर रही हैं। 



उनके नाम पर कई रिकॉर्ड दर्ज


1 मार्च 1916 को जन्मीं मान कौर महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करती हैं। उनके नाम 100 से ज्यादा की उम्र की कैटेगरी का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। मान कौर ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कई गोल्ड मेडल जीते हैं।मान कौर ने 2007 में चंडीगढ़ मास्टर्स एथलेटिक्स मीट में अपना पहला पदक जीता था। वह 2017 में ऑकलैंड में विश्व मास्टर्स खेलों में 100 मीटर की दौड़ जीतकर सुर्खियों में आयी थी। उन्होंने पोलैंड में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स में ट्रैक एवं फील्ड में चार स्वर्ण पदक जीते थे।मान कौर की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके 82 वर्षीय बेटे गुरदेव सिंह का है, जो उनके कोच भी हैं।



चुस्ती देख राष्ट्रपति भी हुए प्रभावित


समारोह में मान कौर के अलावा दस से अधिक प्रतिभावान लोगों को सम्मानित किया गया। जैसे ही 103 वर्षीय मान कौर का नाम पुरस्कार के लिए पुकारा गया, वहां उपस्थित हर किसी ने खड़े होकर तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान उनकी चुस्ती और फुर्ती देखते ही बन रही थी। वह राष्ट्रपति से मिलने के लिए पूरे जोश से सीढ़ियां चढ़ीं और अवार्ड लेकर दौड़ते हुए स्टेज पर एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचीं। इनकी ऊर्जा देखकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद भी खासे प्रभावित हुए और उनके सम्मान में खुशी से तालियंा भी बजाईं।

परिजन बोले- बेहद गर्व का पल, चंडीगढ़ का मान बढ़ा
मान कौर के 80 वर्षीय बेटे वेटरन धावक गुरदेव सिंह ने बताया कि यह समय पूरे परिवार के लिए बेहद गर्व का पल है। इस उपलब्धि की खुशी वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। सम्मान समारोह में मान कौर के बेटे गुरदेव सिंह के अलावा बेटी अमृत कौर, पोता निर्मल सिंह, पोती सुखविंदर कौर उनके पति तलविंदर सिंह और पड़पोती हरप्रीत कौर भी मौजूद रहीं। परिवार वालों का कहना है कि मान कौर ने चंडीगढ़ के निवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सड़कों के पास लगे साइन बोर्डों पर मान कौर के फोटो देखकर उनको बहुत खुशी हुई।



ये है सफलता का राज


- रोजाना सुबह-शाम सैर के अलावा योग करती हैं।
- पिछले 30 साल से तली हुई चीजों का सेवन नहीं कर रही हैं।
- ताजे फल और हरी सब्जियां रोजाना की डाइट मे शामिल रहतीं हैं।  
- सदा चेहरे पर मुस्कान लिए मान कौर दूसरों को टिप्स भी देती हैं।

मान कौर की उपलब्धियां
2013 में कनाडा में आयोजित मास्टर्स चैंपियनशिप में 100 मीटर में गोल्ड, गोला फेंक में गोल्ड और जैवलिन थ्रो में गोल्ड।
2013 में अमेरिका में हुए वर्ल्ड सीरीज में 100 मीटर में गोल्ड और जैवलिन थ्रो में भी गोल्ड।
2011 में एथलीट आफ द ईयर का अवार्ड जीता। यह खिताब पाने वाली वह पहली भारतीय वेटरन खिलाड़ी बनीं।
2018 में कनाडा में सिख ‘लाइफ टाइम अवॉर्ड से सम्मानित की जा चुकी हैं।