जिसके अरबों रुपये चूहे कुतर देते थे हर साल दुनिया का सबसे अमीर अपराधी




दुनियाभर में अपराधियों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। कोई हत्यारा है तो कोई चोर तो कोई दुष्कर्मी। इस धरती पर एक से बढ़कर एक ऐसे खतरनाक अपराधी हुए हैं, जो किसी न किसी वजह से दुनियाभर में जाने जाते हैं। आज हम एक ऐसे ही खतरनाक अपराधी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया का सबसे अमीर अपराधी कहा जाता था। कहते हैं कि उसके पास इतना पैसा था कि हर साल उसके अरबों रुपये चूहे कुतर देते थे। इस अपराधी का नाम था पाब्लो एस्कोबार। साल 1993 में उसकी मौत हो गई थी। एस्कोबार को 'किंग ऑफ कोकीन' कहा जाता था। उसका दावा था कि कोलंबिया के सभी नेता उसकी जेब में रहते थे, यानी उसने उन्हें अपने पैसों से खरीद लिया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1989 में प्रतिष्ठित फोर्ब्स पत्रिका ने पाब्लो एस्कोबार को दुनिया का सातवां सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया था। उसकी अनुमानित व्यक्तिगत संपत्ति 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी आज के हिसाब से करीब 1875 अरब रुपये बताई गई थी। उसके पास असंख्य लग्जरी गाड़ियां थीं और सैकड़ों घर थे। पाब्लो एस्कोबार का एक किस्सा बहुत ही प्रसिद्ध है। कहते हैं कि साल 1986 में उसने कोलंबिया की राजनीति में प्रवेश करने का प्रयास किया था। इसके लिए उसने देश के 10 बिलियन डॉलर यानी करीब 750 अरब रुपये के राष्ट्रीय कर्ज को चुका देने की पेशकश रखी थी। इसके अलावा उसका एक और किस्सा ये है कि एक बार वो कहीं सफर कर रहा था। रास्ते में उसे ठंड लगी तो उसने गर्मी के लिए दो मिलियन डॉलर यानी करीब 15 करोड़ रुपये की नकदी ही जला दी। पाब्लो एस्कोबार को कोकीन का अबतक का सबसे चालबाज सौदागर के अलावा विश्व इतिहास में सबसे अमीर और सबसे कामयाब अपराधी माना जाता है। यहां तक अमेरिकी सरकार भी उससे परेशान हो गई थी, क्योंकि उसने पूरे अमेरिका में अपने कोकीन का कारोबार फैला रखा था।  पाब्लो के भाई रॉबर्टो एस्कोबार के मुताबिक, सिर्फ रुपयों की गड्डियों को बांधने के लिए वो हर हफ्ते 1000 डॉलर यानी करीब 75 हजार रुपये का रबर बैंड खरीदता था। कहते हैं कि वो अपनी नकदी की गड्डियों को अपने भंडारगृहों में रखता था, जहां प्रति वर्ष उसकी आय का 1 बिलियन डॉलर यानी आज के हिसाब से करीब 75 अरब रुपये चूहे खा जाते थे। कहते हैं कि पाब्लो ने कोलंबिया के सरकारी कर्मचारियों के प्रति एक ही उसूल अपना रखा था, 'या तो रिश्वत लो या फिर गोली खाओ'। उसने ऐसे ही कई लोगों को मौत के घाट उतारा था। पाब्लो के इसी क्रूर रवैये और अपना वर्चस्व कायम रखने के चक्कर में उसके कई दुश्मन बन गए थे। कहते हैं कि उसकी वजह से ही कोलंबिया दुनिया का 'मर्डर कैपिटल' बन गया था। देश में निरंतर संघर्ष के चलते हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। 



















पाब्लो एस्कोबार पर कई बार यह आरोप भी लगाया गया कि 19 अप्रैल आंदोलन के लेफ्ट विंग गुरिल्लाओं, जिन्हें 'एम-19' भी कहा जाता है, ने साल 1985 में कोलंबियाई सुप्रीम कोर्ट पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं, उसका नेतृत्व किया था। इस हमले में अदालत के आधे न्यायाधीशों की मौत हो गई थी। हालांकि पाब्लो एस्कोबार कोलंबियाई सरकार और अमेरिका के लिए जहां एक दुश्मन था, वही कोलंबिया के शहर मेडेलिन में वह 'रॉबिन हुड' की भूमिका में था। वह आवास परियोजनाओं और अन्य सार्वजनिक गतिविधियों के माध्यम से अक्सर गरीबों में पैसे बांटता रहता था। मेडेलिन के गरीब लोगों के लिए वह किसी नायक से कम नहीं था। दो दिसंबर 1993 को गोली लगने से पाब्लो की मौत हो गई, लेकिन इसको लेकर भी कई विवाद हैं। कई लोग मानते हैं कि पाब्लो की मौत कोलंबिया पुलिस की गोली से हुई थी, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि उसने आत्महत्या की थी। पाब्लो के ऊपर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं और कई फिल्में भी बन चुकी हैं।