कोरोना को महामारी घोषित होने के बाद मरीजों के स्वास्थ्य बीमा कवर पर कंपनियों में असमंजस


देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर शनिवार को 83 पहुंच गई। इससे दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इससे बचने के लिए देशभर में लोग सावधानी बरत रहे हैं। 

हाल ही में भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को पॉलिसी में कोविड 19 का मेडिकल कवर जोड़ने का निर्देश दिया था। लेकिन बाद में कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने महामारी घोषित कर दिया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या महामारी की स्थिति में भी कोरोना वायरस के इलाज का खर्च इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर होगा। 
 

अगर डब्लूएचओ द्वारा बीमारी को महामारी घोषित कर दिया जाता है, तो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी उस स्थिति में शायद क्लेम सेटेल न करे। इस संदर्भ में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के अंडरराइटिंग और रीइंश्योरेंस के हेड सुब्रमण्यम ब्रह्मजॉयसुला ने बताया कि, 'अगर कोरोना वायरस को डब्लूएचओ या भारत सरकार में से कोई एक, या दोनों ही महामारी घोषित कर दें, कंपनियां क्लेम का शायद भुगतान न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे क्लेम को कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में बाहर रखा जाता है।'

वहीं इस संदर्भ में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में हेड-मार्केटिंग अंडरराइटिंग ऑपरेशन पंकज वर्मा ने कहा है कि, 'स्टैंडर्ड हेल्थ पॉलिसी कोरोना वायरस को कवर करती है।' वर्मा के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के स्तर तक का रोग है और इसका लोगों की जिंदगी पर गहरा असर होगा। इसलिए एसबीआई जनरल इंश्योरेंस हर तरह की मदद मुहैया करा रही है। कंपनी इस तरह का कोई क्लेम खारिज नहीं कर रही है।

इसलिए कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मरीज अपनी बीमा कंपनी से पूछ सकते हैं कि उनकी पॉलिसी में कंपनी कोरोना वायरस को कवर कर रहे हैं कि नहीं।

मृतकों के परिजनों को मिलेगा चार लाख का मुआवजा
14 मार्च को सरकार ने देश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की सहायता का एलान किया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस से मरने वाले व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा, इसमें राहत कार्यों में या प्रतिक्रिया गतिविधियों में शामिल लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कोरोना वायरस को एक अधिसूचित आपदा के रूप में मानने का निर्णय लिया है।

इरडा ने दिया था निर्देश
इसी सप्ताह इरडा अधिनियम, 1999 की धारा 14 (2) (e) के प्रावधानों के तहत निर्देश जारी किए गए थे कि कंपनियां पॉलिसी में कोविड 19 का मेडिकल कवर जोड़ें। साथ ही आपको बता दें कि जरूरत आधारित स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने के तहत बीमा कंपनियां विभिन्न उत्पादों से संबंधित बीमारियों के लिए उत्पाद उपलब्ध करा रही हैं। इनमें मच्छरों आदि से होने वाली बीमारियां शामिल हैं। 

क्या है एपिडेमिक/पैनडेमिक ?
अंग्रेजी के शब्द एपिडेमिक/पैनडेमिक दोनों का अर्थ महामारी ही होता है। लेकिन, दोनों में एक बड़ा अंतर भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुरुआत में कोरोना वायरस को एपिडेमिक घोषित किया था। इसका हिंदी में अर्थ एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित रहने वाली बीमारी होता है। लेकिन, बाद में डब्लूएचओ ने इसे पैनडेमिक घोषित कर दिया। इसका मतलब एक ही बीमारी से दुनिया के कई देश संक्रमित हो जाएं।