फेज टू में ही महाराष्ट्र कोविड-19 पर काबू पाना चाहता है


देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र किसी भी सूरत में कोविड-19 पर फेज टू में ही काबू कर लेना चाहता है। राज्य के स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि फेज टू में ही कोरोना का संक्रमण रोकना हमारा लक्ष्य है जिससे फेज थ्री की नौबत ही न आए।स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य में आठ नए कोरोना वायरस जांच केंद्र खोले जाने की तैयारी की गई है। गुरुवार तक चार नए टेस्टिंग सेंटर शुरू हो जाएगें। मुंबई के केईएम अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल में एक-एक अतिरिक्त टेस्टिंग केंद्र खोले जा रहे हैं जहां प्रतिदिन करीब 182 से 200 नमूनों की जांच हो सकेगी।इसके अलावा मुंबई के जेजे अस्पताल और हॉफकिन इस्टीट्यूट में भी दो-दो टेस्टिंग सेंटर खोले जाएंगे। राज्य के जिन अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज चलते हैं वहां भी टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टोेपे बुधवार को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) पहुंचे। उन्होंने संस्था के निदेशक प्रिया अब्राहम और लैब प्रभारी वर्षा पोद्दार के साथ बैठक की। टोपे ने बताया कि एनआईवी वायरस का डॉयग्नोसिस करने वाली सबसे बड़ी लैब हैं।कोरोना की टेस्टिंग के लिए जिस मेडिकल उपकरण की जरूरत होती है, वह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की अनुमति यहीं से मिलते हैं। एनआइवी के निदेशक व लैब प्रभारी ने कोरोना के लिए आवश्यक उपकरण मुहैया कराने के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।टोपे ने बताया कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देश पर कोविड-19 पर काम हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि महाराष्ट्र के जितने टेस्टिंग किट्स की जरूरत हो, दिए जाएं। जल्द ही महाराष्ट्र को 10 लाख टेस्टिंग किट्स उपलब्ध  कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि टेस्टिंग के साथ ही क्वारेन्टाइन की भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।फिलहाल, 830 लोगों के लिए क्वारेन्टाइन फेसिलिटी दी गई है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों या होटलों में भी क्वारेन्टाइन की अनुमति दी गई है। लेकिन इसका खर्च खुद मरीज को ही वहन करना पड़ेगा। राज्य में कोरोना से निपटने के लिए 700 वेंटिलेटर और 600 आइसोलेशन रूम तैयार रखा गया है। इसके साथ ही संभागीय आयुक्त को 45 करोड़ रूपए की निधि आवंटित की गई है।