शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने मानी जनता कर्फ्यू की अपील


दुनियाभर के कई देशों में कहर बरपा रहे जानलेवा कोरोना वायरस से अब भारत भी जूझ रहा है. देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए भारत सरकार ने जनता कर्फ्यू को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर आज यानी 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन किया जा रहा है. जनता कर्फ्यू के तहत लोगों से घर से बाहर ना निकलने की अपील की गई है.


राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) इलाके में करीब 100 दिन से नागरिकता संशोधन कानून (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं में कोरोना वायरस को लेकर डर नहीं है. हालांकि, आज सरकार की अपील पर जनता कर्फ्यू का पालन करते हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शनस्थल पर ना जुटने का फैसला किया है.


सांकेतिक धरना प्रदर्शन जारी


जनता कर्फ्यू (Janata Curfew) के दौरान प्रदर्शनकारियों का प्रतीकात्मक धरना प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने प्रदर्शनस्थल पर मौजूदगी दर्ज कराने के लिए अपने जूते-चप्पल तख्त पर रख दिए हैं. प्रदर्शनकारी नाजिया ने aajtak.in से खास बातचीत में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हमारा धरना जारी रहेगा. जनता कर्फ्यू को देखते हुए सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक किसी को प्रदर्शनस्थल पर आने नहीं दिया जा रहा है.


प्रदर्शनकारियों की भीड़ जुटने की इजाजत नहीं


प्रदर्शनकारी महिला हिना अहमद ने कहा कि सरकार के नियम का पालन करते हुए प्रदर्शनकारियों की भीड़ को जुटने की इजाजत नहीं है. धरना स्थल पर महिलाओं ने धरने को सांकेतिक रुप देने की कोशिश की गई है. धरनास्थल पर मौजूद तख्तों पर चप्पलें रखी गई हैं.


वहीं, प्रदर्शनकारी आसिफ ने कहा कि शाहीन बाग में प्रोटेस्ट तो चल रहा है, लेकिन प्रदर्शन में सिर्फ 5 लोगों को धरने पर बैठने की इजाजत है. इसके अलावा रमीज राजा ने बताया कि प्रदर्शनस्थल पर पूरी सावधानी और सतर्कता बरती जा रही है. मास्क और सैनेटाइजर का प्रयोग किया जा रहा है. प्रदर्शनकारी डॉक्टर खुशनूर का कहना है कि हम साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखे रहे हैं, लोगों की भीड़ को जुटने नहीं दिया जा रहा है. मास्क, सैनेटाइजर का इस्तेमाल किया जा रहा है.


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के नियमों का पालन करते हुए सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ धरना जारी रखना है. इसके साथ ही कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से भी निपटना है. बता दें कि कोरोना का कहर भी इन महिलाओं के हौसले पस्त नहीं कर पा रहा है, जो बहुत चिंता की बात है.


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर कोरोना वायरस को देखते हुए 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया. इसके बाद से ही लगातार यह सवाल उठ रहा है कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी सरकार की अपील का पालन करेंगे या नहीं. इसके बाद ही शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की तरफ से यह फैसला लिया गया