योगी कैबिनेट ने अध्यादेश पारित किया,प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने वालों से होगी रिकवरी


यूपी में प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने वालों से सरकार रिकवरी करेगी। केबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश रिकवरी पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा के बाद इसमें शामिल प्रदर्शनकारियों के पोस्टर सरकार ने सड़कों पर चस्पा किए थे। इसको लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि वसूली के लिए सड़क पर होर्डिंग किस नियम के तहत लगाए हैं।


लखनऊ में शुक्रवार को लोकभवन में योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 30 प्रस्तावों को पास किया गया। सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश रिकवरी पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपटी अध्यादेश पारित किया गया है। इस अध्यादेश के तहत किसी भी आंदोलन व धरना प्रदर्शन में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर उसकी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इसी अध्यादेश के तहत की जाएगी।


राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा अध्यादेश 


कैबिनेट में पारित हुए अध्यादेश को अब राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद ही यह जारी होगा। अगर राज्यपाल चाहे तो इस अध्यादेश पर अपनी तरफ से विधिक राय भी ले सकते हैं। इस अध्यादेश के पारित होने के बाद सरकार इसकी नियमावली बनाएगी और उसे अगले विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में अभी तक इस तरह का कोई विधेयक या कानून नहीं था जिसकी मदद से सरकारी सम्पत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जा सके।


हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से किया था सवाल


सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा के आरोपियों के पोस्टर के हटाने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने 9 मार्च को दिए हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। गुरुवार को जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा था- किस कानून के तहत आरोपियों के होर्डिंग्स लगाए गए हैं। अब तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं, जो इसकी इजाजत देता हो। इस मामले में अगले हफ्ते नई बेंच सुनवाई करने वाली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाने की कार्रवाई को निजता में गैर जरूरी हस्तक्षेप करार दिया था। इस बीच योगी सरकार ने अपने कदम बढ़ाते हुए इस अहम अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की है।  


सरकार के आरोपियों के खिलाफ की गैंगस्टर की कार्रवाई


नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में 19 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के 27 आरोपियों प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट भी लगाया है। ये सभी उन 57 लोगों में शामिल हैं, जिनके फोटो वाले होर्डिंग वसूली के लिए शहर में लगाए गए थे। लखनऊ के एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 19 दिसंबर को ठाकुरगंज क्षेत्र में हिंसक भीड़ ने चौकी फूंकी थी और पथराव किया था। इस मामले के 27 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। सभी के नाम कोर्ट में भेज दिए गए हैं।