मेडिकल उपकरण खरीद घोटाले की जांच एसआईटी को, 10 दिन का वक्त


सुल्तानपुर गाजीपुर समेत कुछ जिलों में ग्राम पंचायतों के लिए कोरोना काल में बाजार मूल्य से दो-तीन गुना अधिक दर पर पल्स ऑक्जीमटर व इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। उनके आदेश पर बाजार मूल्य से अधिक रेट पर मेडिकल उपकरणों की खरीद की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी की अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार होगी। एसआईटी को 10 दिन में शासन को अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। कोविड-19 की रोकथाम के लिए शासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सैनेटाइजर का सेट राज्य वित्त आयोग की धनराशि से खरीदने के निर्देश दिए थे। इसकेलिए 23 जून 2020 को शासनादेश जारी किया गया था। शासन को सुल्तानपुर व गाजीपुर के साथ ही कुछ अन्य जिलों में ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक इन उपकरणों को क्रय किए जाने की जानकारी शासन को मिली है। सुल्तानपुर में कोरोना किट खरीद में घोटाले की शिकायत तो लंभुआ से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने ही की थी। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद 7 सितंबर को सुल्तानपुर व गाजीपुर के जिला पंचायतराज अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही सभी जिलाधिकारियों से पल्स ऑक्सीमीटर व इंफ्रारेड थर्मामीटर की खरीद के संबंध में जानकारी मांगी थी। सुल्तानपुर में 2800 रुपये के बजाय 9950 रुपये में और गाजीपुर में 5800 रुपये में पल्स ऑक्सीमीटर व इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीदे गए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुल्तानपुर व गाजीपुर की तरह कुछ अन्य जिलों में बाजार से महंगी दर पर मेडिकल उपकरणों की खरीद की जांच एसआईटी से कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए एसीएम पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिए है। एसआईटी का अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव, राजस्व रेणुका कुमार की बनाया गया है।  सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित गुप्ता व सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी आख्या शासन को प्रस्तुत करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए कहा है कि किसी भी स्तर पर अनियमितता की जानकारी मिलने पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।