चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रही भाजपा , सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के घरों पर चिपकाए जा रहे भाजपा के स्टीकर : आराधना मिश्रा मोना

 


लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी द्वारा सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के दरवाजे पर अपने चुनाव चिन्ह का स्टीकर लगाना साबित करता है कि बीजेपी को चुनाव आचार संहिता एवं चुनाव आयोग की कोई परवाह नहीं है। भाजपा अन्य एजेंसियों की तरह चुनाव आयोग को भी अपना एक फ्रंटल संगठन समझने की भूल कर रही है।

उक्त बयान देते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भाजपा द्वारा यह कृत्य निश्चित रूप से लोकतंत्र की हत्या व आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। चुनाव आयोग को इस प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा, प्रयागराज में भाजपा सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर केंद्र एवं प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभान्वित लोगों के घरों पर बिना उनकी सहमति के स्टीकर लगाये जा रहें हैं, यह नियमों का खुला उल्लंघन है।

श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि चुनाव आयोग इतने गंभीर प्रकरण पर यदि कार्यवाही नहीं करता है, तो माना जाए कि परोक्ष रूप से चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है। उसकी निष्पक्षता संदेह के घेरे में है। कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा गरीबों में बांटी गई मदद पर फोटो लगाई गई हो। यहां तो वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर भी पीएम की फोटो लगाकर प्रचार किया गया। उन्होंने कहा सरकार द्वारा जो भी चीजें जनता को मुहैया करायी जाती हैं, वह जनता पर एहसान नहीं होता बल्कि सरकारें अपना कर्तव्य पूरा करतीं हैं। चुनी हुई सरकार का कर्तव्य होता है कि जनता के द्वारा दिए गए टैक्स का सही सदुपयोग हो और सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।

श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने आगे कहा कि यदि भाजपा सरकार यह कह रही है कि जनता को सुविधा मुहैया कराकर हमने उपलब्धि हासिल की है, तो इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि साढे़ तेरह करोड़ लोग इस सरकार में गरीबी रेखा के नीचे आ गये, नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। बेरोजगारी अपने 45 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर है। अपराध, महिला अपराध भाजपा सरकार के शासनकाल में चरमोत्कर्ष पर पहुंच चुका है।