पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 सरकार द्वारा हुआ यूपी क्लीन एयर मैनेजमेंट प्रोजेस्ट कार्यशाला का आयोजन



 26 अप्रैल 2022 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के प्रस्तावित स्वच्छ वायु प्रबंध परियोजना हेतु विश्व बैंक के साथ दो दिवसीय Stake holders consultation कार्यशाला का आयोजन ताज होटल, लखनऊ में किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य राज्य के विभिन्‍न विभागों को स्वच्छ एयरशेड योजना, राज्य में वायु प्रदूषण के मुख्य कारको की जानकारी देना एवं विश्व बैंक के द्वारा प्रस्तावित सहयोग के बारे में अवगत कराना है। उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य है जो विश्व बैंक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से स्वच्छ एयरशेड योजना का क्रियान्वयन कर रहा है। विश्व बैंक, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) और 15वें वित्त आयोग के वायु प्रदूषण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राज्य को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। विश्व बैंक द्वारा एयरशेड एप्रोच और अंतर-विभागीय “ ONE TEAM UP” एप्रोच के तहत्‌ उ0प्र0 स्वच्छ वायु कार्यक्रम के कार्यान्वयन का समर्थन करने का प्रस्ताव दिया गया है। विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित NCAP के उद्देश्य, उत्तर प्रदेश सरकार के घोषणापत्र जैसे वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करना, सभी के लिए किफायती धुंआ रहित कुकिंग, परिवहन प्रणाली में सुधार, एअर क्वालिटी मैनेजमेंट में नौकरियों के अवसर उत्पन्न करना, किसानों की आय में वृद्धि इत्यदि से जुडे हुए हैं। कार्यशाला का उद्घाटन डा0 अरून कुमार सक्सेना, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया। सर्वप्रथम श्री आशीष तिवारी, सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए राज्य में वायु प्रदूषण के मुख्य कारको, स्वच्छ एयरशेड योजना एवं विश्व बैंक के द्वारा प्रस्तावित सहयोग के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। श्री आशीष तिवारी द्वारा अवगत कराया गया कि विश्व बैंक द्वारा ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से एक अध्ययन के द्वारा राज्य में वायु प्रदूषण के मुख्य कारको की सूची तैयार की गयी है जिससे स्वच्छ एयरशेड योजना के तहत कार्यवाही बिन्दुओं का निर्धारण किया जा सके। श्री आशीष तिवारी द्वारा कार्यशाला में विचार विमर्श हेतु निधारित 05 कलस्टर : कूषि एवं ग्राम विकास कलस्टर, नगर कलस्टर, अवस्थापना कलस्टर, उद्योग कलस्टर, सुदृढीकरण एवं क्षमता निमार्ण कलस्टर की भी जानकारी दी गयी। श्री मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा अपने उदबोधन में कहा गया कि उत्त्तर प्रदेश राज्य की भौगोलिक स्थिती राज्य मे वायु प्रदूषण बढाती है। चीन एवं दक्षिण कोरीया द्वारा अपने देश में वायु प्रदूषण कम करने के लिए विगत 5 वर्षो में बहुत कार्य किया गया है एवे वायु प्रदूषण में 60 प्रतिशत वायु प्रदूषण कम किया गया है। राज्य में खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन के प्रयोग, लघु उद्योगों में प्रदूषण कम करने के उपाय अपना कर, परिवहन क्षेत्र में उचित प्रयासों द्वारा एवं नगरीय क्षेत्रों में फुटपाथ बनाकर वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है। 


तदुपरान्त कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री डा0 अरून कुमार सकेना, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा एयरशेड संकलपना एवं वायु प्रदूषण की जानकारी प्रदान करने वाली एक विडियो फिल्म का लोकापर्ण किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री डा0 अरून कुमार सक्सेना, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा अपने उद्बोधन में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिससे होने वाली बिमारियों का इलाज असम्भव है। केवल वायु प्रदूषण से बचाव द्वारा ही उनसे बचा जा सकता है। आवश्यक है कि सभी सरकारी विभाग एवं कारपोरेटस प्रदेश के एयरशेड एप्रोच पर काम करें। वायु प्रदूषण कम करने हेतु एयरशेड एप्रोच की सफलता विभिन्न क्षेत्रों और विभागों के पारस्परिक समन्वय पर निर्भर है। बैठक में वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि कैरिन शेपर्डसन, शारलिन चेगर, ईशा श्रीवास्तव एवं उ0प्र0 सरकार के विभिन्‍न विभागों यथा: अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास / परिवहन / नगर विकास / वित्त / सूक्ष्म लघु, मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन / कृषि / पशुपालन / अतिगश्रिकत ऊर्जा / दुग्ध विकास लोक निर्माण,/आवास एवं शहरी नियोजन / खाद्य एवं रसद / बाह्य सहायतित परियोजना विभाग के अधिकारियों एवं सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 शासन एवं उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।